- गेरूआखोर गांव के 60 घर अंधेरे में डूबे

- कई बार कहने के बाद भी नहीं सुन रहे जिम्मेदार

MAJHGANWA: बिजली विभाग की उदासीनता गगहा क्षेत्र के गेरूआखोर ग्रामसभा के लोगों पर भारी पड़ रही है। यहां के लोग एक जले ट्रांसफॉर्मर को ठीक कराने के लिए पिछले दस दिन से जिम्मेदार विभाग के चक्कर काट रहे हैं। इसके बावजूद अब तक इसे ठीक नहीं कराया जा सका है। अंधेरे में डूबे ग्रामीणों में जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

अंधेरे में जीवन

दस दिन पहले गेरूआखोर में लगा 25 केवी का ट्रांसफॉर्मर जल गया। ट्रांसफॉर्मर जलने के कारण 60 घरों की बिजली गुल हो गई। लोगों को लगा कि विभाग कुछ घंटों में इसे ठीक करा देगा। लेकिन वो कुछ घंटों का इंतजार दिनों में तब्दील हो चुका है। हाल ये है कि दस दिन बीत चुके हैं और ट्रांसफॉर्मर बदला नहीं गया है। जिम्मेदारों की इस लापरवाही के चलते सैकड़ों लोगों की दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित हो चुकी है। हाल इतना बुरा है कि लोगों को रोजमर्रा के कामों के लिए भी तरसना पड़ जा रहा है। इसे ठीक कराने के लिए लोग विभाग के चक्कर लगा लगा कर थक चुके हैं। इसके बाद भी अब तक कुछ नहीं किया गया।

हजार से ज्यादा प्रभावित

गेरूआखोर गांव की आबादी लगभग एक हजार है। ट्रांसफॉर्मर जल जाने से पिछले दस दिन से यहां के लोगों का जीना मुहाल हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की लापरवाही ग्रामीण क्षेत्रों के प्रति उदासीनता का सबसे बड़ा उदाहरण है। अगर जल्द इसे नहीं बदला गया तो बड़ा आंदोलन होगा। ट्रांसफार्मर ना बदले जाने से ग्रामीणों में काफी आक्रोश व्याप्त है। कई दिनों से मझगांवा विद्युत केंद्र का ग्रामीण चक्कर लगा रहे हैं पर विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा। गांव निवासी भगवती पांडेय, उदय प्रताप शाही, लालबहादुर शाही, आसु शाही, रामकवल यादव, हैपी पांडेय, श्रवण शाही, नन्दकेशर, रामआशीष, रामवृक्ष पांडेय आदि का कहना है कि इस उमस भरी गर्मी में अंधेरे के बीच तमाम साधनों के रहते हुए भी उसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं। साथ ही घर पर लाइट ना रहने के कारण बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है। ग्रामीणों ने जले हुए ट्रांसफॉर्मर को जल्द बदलने की मांग बिजली विभाग से की है।

वर्जन

सूचना मिली है कि गेरूआखोर गांव का ट्रांसफॉर्मर जला है। उसे जल्द से जल्द लगवा दिया जाएगा।

- भोला प्रसाद, जेई मझगांवा