आई एक्सक्लूसिव

- करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी सिटी की ट्रैफिक व्यवस्था सुधरने के बजाए हो रही बदतर, जाम का बड़ा कारण बने खराब ट्रैफिक सिग्नल

-32 करोड़ रुपए से बना आईटीएमएस भी चौपट, कंट्रोल रूम की 3 एलईडी स्क्रीन लंबे समय से खराब, ऑनलाइन मॉनीटरिंग में आ रही प्रॉब्लम

kanpur@inext.co.in ।

KANPUR: सिटी की ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए शासन की ओर से करोड़ों रुपए बहाए जा रहे हैं। सिटी के हर छोटे-बड़े चौराहे को ट्रैफिक सिग्नल से लैस कर दिया गया है। लेकिन, इसके बाद भी हालात सुधरने के बजाए बदतर होते जा रहे हैं। हर गली चौराहे पर जाम झेलना पड़ रहा है। क्योंकि 60 परसेंट से ज्यादा ट्रैफिक सिग्नल बंद हो चुके हैं। ट्रैफिक लाइन में बने आईटीएमएस कंट्रोल रूम में 3 एलईडी स्क्रीन भी पिछले 14 दिनों से खराब हैं। ऐसे में ट्रैफिक की मॉनिटरिंग और ई-चालान काटने में भी काफी मुश्किलें आ रही हैं। इसको लेकर एसपी ट्रैफिक सुशील कुमार कई बार कंपनी से अपनी आपत्ति भी जता चुके हैं। लेकिन बावजूद इसके अभी तक कोई सुधार नहीं हो सका है।

चौराहों की मॉनिटरिंग मुश्किल

एसपी ट्रैफिक सुशील कुमार के मुताबिक पिछले कई दिनों से एलईडी स्क्रीन खराब थी। आपत्ति के बाद कंपनी ने कुछ स्क्रीन बनाई, लेकिन बावजूद इसके अभी आधी खराब पड़ी हैं। वहीं इसमें नेटवर्किंग का भी कुछ इश्यू है, बीएसएनएल को कई बार लिखने के बाद अभी तक ठीक नहीं किया गया है। इससे मॉनिटरिंग भी काफी मुश्किल हो रही है।

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32 करोड़ हुए बर्बाद

सिटी में बड़े जोर-शोर से केडीए ने 32 करोड़ से 68 चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल्स लगवाए थे। लेकिन आज इनको कोई पूछने वाला नहीं है। आलम ये है कि अफीमकोठी, काकादेव चौराहे पर सिग्नल टूटे पड़े हैं। इन चौराहों पर रोजाना 20,000 से ज्यादा लोग गुजरते हैं। वहीं सिटी में 38 से ज्यादा चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल खराब पड़े हैं। कहीं पर ट्रैफिक सिग्नल जलते ही नहीं हैं, कहीं तीनों लाइट एक साथ जलती हैं और किसी चौराहे पर एक लाइट ही परमानेंट जल रही हैं।

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मेंटेनेंस न होने से बदहाल

केडीए ने इन ट्रैफिक सिग्नल्स को लगवाया था। ओनिक्स कंपनी को सिग्नल लगाने के साथ ही 5 साल इनका मेंटेनेंस करना था, लेकिन अब कंपनी ने इससे मुंह मोड़ लिया है। वहीं केडीए का कहना है कि पूरा सिस्टम नगर निगम को हैंडओवर कर दिया गया है। लेकिन नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि कंपनी को सेलेक्शन केडीए ने किया था। अब मेंटेनेंस की जिम्मेदारी किसकी है, ये उन्हें नहीं मालूम नहीं है।

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जाम के जिम्मेदार बने सिग्नल्स

सिटी में 11 बडे़ चौराहे ऐसे हैं, जहां ट्रैफिक सिग्नल्स ही जाम का कारण बन रहे हैं। इनके पीछे सिग्नल्स का खराब होना बड़ा कारण है। जरीबचौकी चौराहे पर एक लेन में सिर्फ रेड लाइट ही जल रही है। चौराहे से गुजरना वाला रेड लाइट देखकर रुक गया, लेकिन जब वह 5 मिनट रुक जाता है, तब पता चलता है कि सिग्नल खराब है। ऐसे में एक लेन पर लंबा जाम लग जाता है। कोकाकोला चौराहे पर अंधेरा होते ही रेड, येलो और ग्रीन सिग्नल एक साथ जल रहे हैं। लेकिन इनको ठीक करने वाला कोई नहीं।

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इन चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल खराब

-लालइमली चौराहा

-स्टॉक एक्सचेंज चौराहा

-हर्ष नगर चौराहा

-पोस्टमार्टम तिराहा

-चुन्नीगंज चौराहा

-नरौना चौराहा

-जरीबचौकी चौराहा

-कोकाकोला चौराहा

-फजलगंज फायर स्टेशन तिराहा

-पीएसी मोड़ चौराहा

-जनता नगर चौराहा

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यहां टूटे पड़े हैं सिग्नल्स

-अफीमकोठी चौराहा

-डबल पुलिया चौराहा

-काकादेव चौराहा

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इन 15 चौराहों पर कट रहे ई-चालान

-फजलगंज चौराहा

-जरीब चौकी चौराहा

-गुरुदेव पैलेस क्रॉसिंग

-कंपनीबाग चौराहा

-बिठूर तिराहा

-अफीमकोठी चौराहा

-परेड चौराहा

-गोल चौराहा

-फजलगंज तिराहा

-गौशाला सेकेंड चौराहा

-लालइमली चौराहा

-फूलबाग चौराहा

-नरोना चौराहा

-टाटमिल चौराहा

-स्टॉक एक्सचेंज चौराहा

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कंट्रोल रूम में एलईडी स्क्रीन और नेटवर्किंग में पिछले कई दिनों से प्रॉब्लम आ रही हैं। कंपनी ने कुछ काम किए हैं, लेकिन अब भी कंट्रोल रूम में कई दिक्कतें बाकी हैं।

-सुशील कुमार, एसपी ट्रैफिक।