RANCHI: जूनियर रिसर्च फेलोशिप(जेआरएफ) व असिस्टेंट प्राफेसर के लिए होने वाली कॉम्पटीटिव परीक्षा नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट(नेट) महंगी हो गई है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन(सीबीएसई) ने इसकी फीस सभी कैटेगरी में लगभग म्म् परसेंट बढ़ा दी है। जेनरल कैटेगरी के लिए यह फीस म्00 से बढ़ाकर क्000 कर दी गई है, वहीं ओबीसी के लिए फ्00 से बढ़ाकर भ्00 और एसटी-एससी के लिए डेढ़ सौ से बढ़ाकर ख्भ्0 रुपए कर दी गई है। गौरतलब हो कि सीबीएसई नेट की परीक्षा पांच नवंबर को होनी है। इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन क्क् अगस्त से ही शुरू है। अप्लाई करने की लास्ट डेट क्क् सितंबर है। मालूम हो कि देश के 9क् शहरों में यह परीक्षा होती है और देशभर में लगभग दो लाख स्टूडेंट्स इसमें हिस्सा लेते हैं। इस एग्जाम के लिए जेनरल कैटेगरी के स्टूडेंट्स को ब्0 परसेंट और ओबीसी व एससी-एसटी को फ्भ् परसेंट मा‌र्क्स लाना होगा। जेआरएफ के लिए आवेदक की उम्र ख्8 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस परीक्षा में रांची से लगभग क्म्,000 कैंडिडेट्स हिस्सा लेते हैं।

सीबीएसई का एंटी स्टूडेंट मूव

नेट परीक्षा की तैयारी कर रहे स्टूडेंट उपेंद्र कुमार ने बताया कि सीबीएसई ने फीस बढ़ाकर स्टूडेंट्स पर आर्थिक बोझ बढ़ा दिया है। साल में दो बार यह परीक्षा होती है। ऐसे में जेनरल कैंडिडेट को साल में दो हजार रुपए फीस के रूप में ही देने होंगे। सरकार स्टूडेंट्स को परेशान करने में लगी है। वहीं, रांची यूनिवर्सिटी के टीआरएल डिपार्टमेंट के स्टूडेंट कमल किशोर ने बताया कि ट्राइबल एंड रीजनल लैंग्वेज डिपार्टमेंट से क्00 से ज्यादा स्टूडेंट्स नेट की परीक्षा देते हैं। यहां पढ़नेवाले अधिकतर स्टूडेंट्स रूरल एरियाज से होते हैं। उनके लिए पढ़ाई की फीस भी जमा करना मुश्किल होता है। ऐसे में बढ़ी फीस उनपर अतिरिक्त आर्थिक बोझ होगी। वहीं, डॉ योगेश कुमार ने बताया कि इस परीक्षा में सफल कैंडिडेट ही असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के योग्य होते हैं। बढ़ी फीस उनके हित में नहीं है। रांची यूनिवर्सिटी में रूरल एरियाज के स्टूडेंट्स आकर पढ़ते हैं। उनके लिए पढ़ाई की फीस ही जुटाना मुश्किल होता है, क्योंकि उनमें से अधिकतर किसान परिवार के होते हैं। बढ़ी फीस उन्हें परीक्षा देने से वंचित करने का काम करेगी। वहीं, स्टूडेंट शिवप्रसाद महतो ने बताया कि बढ़ी हुई फीस भर पाना रूरल एरियाज के स्टूडेंट्स के लिए मुश्किल होगा। हालांकि, इससे सभी तबके के स्टूडेंट्स पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। यह सीबीएसई का एंटी स्टूडेंट मूव है। वहीं, नेट परीक्षा की तैयारी करानेवाले संस्थान करियर प्लस के अनल कुमार ने बताया कि परीक्षा की फीस बढ़ जाने से स्टूडेंट्स पर आर्थिक बोझ तो बढ़ेगा, पर इससे स्टूडेंट्स की संख्या कम नहीं होगी। इतनी फीस वृद्धि स्टूडेंट वहन कर सकते हैं।

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बॉक्स का मैटर

ऐसे बढ़ गई फीस

कैटेगरी पुरानी फीस नई फीस बढ़ोतरी

जेनरल म्00 रुपए क्000 रुपए ब्00 रुपए

ओबीसी एनसीएल फ्00 रुपए भ्00 रुपए ख्00 रुपए

एससी-एसटी-पीडब्ल्यूडी क्भ्0 रुपए ख्भ्0 रुपए क्00 रुपए

.बॉक्स

पिछली बार फ्फ् से फ्म् परसेंट वृद्धि

पिछली बार जब नेट परीक्षा की एप्लीकेशन फीस बढ़ाई गई थी, उस समय यह वृद्धि फ्फ् से फ्म् परसेंट तक थी। तब जेनरल स्टूडेंट के लिए फीस ब्भ्0 से बढ़ाकर म्00 की गई थी। ओबीसी के लिए फीस ख्ख्भ् से बढ़ाकर फ्00 की गई थी। वहीं, एससी-एसटी की फीस क्क्0 से क्भ्0 रुपए की गई थी।

क्या कहते हैं छात्र

नेट की फीस बढ़ाकर सीबीएसई स्टूडेंट्स के साथ अन्याय कर रहा है। यह छात्र हित में नहीं है। एप्लीकेशन फीस में लगभग म्म् परसेंट बढ़ोतरी हुई है। इससे स्टूडेंट्स पर आर्थिक बोझ बढ़ा है।

उपेंद्र कुमार, स्टूडेंट

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रांची यूनिवर्सिटी में पढ़नेवाले अधिकतर स्टूडेंट्स रूरल एरियाज के होते हैं। इसमें भी टीआरएल डिपार्टमेंट के छात्र तो और भी गरीब परिवार के होते हैं। उनके लिए यह फीस वृद्धि बहुत असर डालेगी।

शिवप्रसाद महतो, स्टूडेंट

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इस परीक्षा में सफल कैंडिडेट ही असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के योग्य होते हैं। बढ़ी फीस उनके हित में नहीं है। बढ़ी फीस उन्हें परीक्षा देने से वंचित करने का काम करेगी।

डॉ योगेश कुमार

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फीस बढ़ाकर सीबीएसई ने स्टूडेंट्स पर आर्थिक बोझ डाला है। इससे हजारों स्टूडेंट्स प्रभावित हैं। एक साथ लगभग म्म् परसेंट फीस वृद्धि करके सीबीएसई स्टूडेंट्स को परीक्षा देने से वंचित करने का काम कर रहा है।

कमल किशोर