नई दिल्ली (एएनआई)। देश की सुरक्षा करने वाले जवानों को लेकर बुधवार को राज्यसभा में एक बड़ा खुलासा हुआ है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में जानकारी दी है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और असम राइफल्स (एआर) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले छह वर्षों के दौरान अर्धसैनिक बलों के 680 जवानों की आत्महत्या से मौत हुई है। इस अवधि के दौरान दुर्घटनाओं और मुठभेड़ों में मरने वाले सुरक्षा कर्मियों की संख्या क्रमशः 1,764 और 323 है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा जो आंकड़ें राज्यसभा में बताए गए हैं वो काफी चाैकाने वाले हैं।

तनाव पैदा करने वाले कारकों पर एक अध्ययन
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि घरेलू समस्याएं, बीमारी और वित्तीय समस्याएं आत्महत्याओं के पीछे अन्य कारकों में योगदान कर सकती हैं।
इसके साथ ही आगे कहा कि सरकार द्वारा समय-समय पर पेशेवर एजेंसियों के साथ परामर्श करके इस मुद्दे की समीक्षा की जाती है। उन्होंने कहा ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआरएंडडी) ने 2004 में तनाव पैदा करने वाले कारकों पर एक अध्ययन किया था। वहीं भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) अहमदाबाद ने 2012 में बीएसएफ और सीआरपीएफ के लिए इसी तरह का अध्ययन किया था।

National News inextlive from India News Desk