षडय़ंत्र और भ्रष्टाचार के आरोप में स्विट्जरलैंड की ज्यूरिख पुलिस ने बुधवार तडक़े एक लग्जरी होटल पर छापा मारकर अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ (फीफा) के सात अधिकारियों को गिरफ्तार किया. इन पर दस करोड़ डॉलर (करीब छह अरब, 40 करोड़ रुपये) रिश्वत लेने का आरोप है. गिरफ्तार लोगों में फीफा का एक उपाध्यक्ष भी शामिल है. कुल 14 लोगों पर षडय़ंत्र और भ्रष्टाचार के  आरोप हैं, जिनमें नौ फीफा अधिकारी हैं.

स्विटजरलैंड के न्याय मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों के आग्रह पर फीफा के सात अधिकारियों को 1990 के दशक के शुरू से लेकर वर्तमान समय तक रिश्वत लेने और उसके बदले में हित साधने के संदेह में गिरफ्तार किया गया है. जिन फुटबॉल अधिकारियों को होटल से गिरफ्तार किया गया है, उनमें जेफरी वेब, इडियार्डो ली, जूलियो रोचा, कोस्टा तकास, इगेनियो फिगरेडो, राफेल एसक्यूवेल और जोस मारिया मारिन शामिल हैं. सभी को अमेरिका भेजे जाने की संभावना है. फीफा के दो और अधिकारियों के अलावा खेल मार्केटिंग के पांच अधिकारियों पर भी  पर भ्रष्टाचार का आरोप है.FBI team in Fifa office इन अधिकारियों की गिरफ्तारियां ऐसे समय हुई हैं, जब गुरुवार से यहां फीफा का वार्षिक सम्मेलन शुरू होने जा रहा है जिसमें फीफा अध्यक्ष का चुनाव होना हैं. ज्यूरिख के होटल पर पुलिस कार्रवाई के साथ फीफा के मुख्यालय पर भी छापेमारी की गई. इसके अलावा अमेरिकी राज्य फ्लोरिडा के मियामी स्थित सीओएनसीएसीएएफ मुख्यालय पर भी तलाशी अभियान चलाया गया.
 
स्विस सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि फीफा से जुड़े अधिकारी करोड़ों डॉलर से अधिक का भुगतान करने की योजना में संलिप्त पाए गए हैं. इसके बदले में माना जा रहा है कि उन्हें लैटिन अमेरिका में होने वाले फुटबॉल टूर्नामेंटों से जुड़े मीडिया, मार्केटिंग और प्रायोजन अधिकार मिले. बयान में कहा गया कि इन अपराधों की तैयारियां अमेरिका में की गई और भुगतान अमेरिकी बैंकों के जरिये किया गया.
 
आज फीफा अध्यक्ष का चुनाव
फीफा अधिवेशन गुरुवार से शुरु हो रहा है, जिसमें उसके अगले अध्यक्ष के चुनाव के लिए होना है. शुक्रवार को होने वाले चुनाव में सेप ब्लाटर के लगातार पांचवीं बार अध्यक्ष चुने जाने की पूरी संभावना है, लेकिन इस घटना के बाद उनके पक्ष में वोट करने वालों की संख्या में कुछ गिरावट आ सकती है.
फीफा प्रवक्ता वाल्टर डि ग्रेगोरियो ने कहा कि ब्लाटर जांच में शामिल नहीं हैं और अध्यक्ष पद को लेकर चुनाव पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार को ही होगा। उन्होंने कहा कि फीफा इस कार्रवाई का स्वागत करती है जिसका मकसद फुटबॉल से किसी भी गलत चीज को खत्म करना है. अध्यक्ष पद के लिए ब्लाटर के एकमात्र विरोधी जॉर्डन के प्रिंस अली बिन अल हुसैन ने गिरफ्तारियों को फुटबॉल के लिए दुखद दिन करार दिया है. प्रिंस अली फीफा उपाध्यक्ष भी हैं. प्रिंस अली और यूरोपीय महासंघों के प्रमुखों ने कहा है कि फीफा छवि को बचाने के लिए तुरंत नेतृत्व में बदलाव की जरूरत है.

रूस और कतर की मेजबानी भी जांच के घेरे में
फीफा अधिकारियों की बुधवार को यहां हुई गिरफ्तारी के बाद अब 2018 और 2022 में होने वाले फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी पर भी सवाल उठने लगे हैं. स्विस पुलिस ने 2018 विश्व कप की मेजबानी के अधिकार रूस और 2022 के टूर्नामेंट के अधिकार कतर को दिए जाने से संबंधित जांच के संदर्भ में फीफा मुख्यालय से फाइलें और ईमेल जब्त किए हैं. 2010 में इन टूर्नामेंटों को लेकर फीफा में हुए मतदान के दौरान बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के आरोप लगे थे. दूसरी ओर, अमेरिकी सीनेटर चाहते हैं कि रूस में होने वाले विश्व कप की मेजबानी का अधिकार वापस ले लिया जाए. इस पर रूसी खेल मंत्री बिताली मुटको ने कहा कि हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नही है. जबकि फीफा प्रवक्ता ग्रेगोरियो ने विश्व कप 2018 की मेजबानी रूस को और 2022 की मेजबानी कतर को दिए जाने पर फिर से मतदान करवाए जाने की मांग को खारिज किया है.

अत्यधिक कमाई है मुसीबत की जड़  
फीफा के राजस्व के आंकड़े चौंकाने वाले हैं और यही  भ्रष्टाचार की जड़ है. पिछले वर्ष विश्व कप का सफलतापूर्वक आयोजन करने के बाद फीफा ने दो अरब डॉलर (लगभग 128 अरब रुपये) का राजस्व जुटाया था. पिछले दस सालों में देखा जाए तो फीफा की कमाई में अïसाधारण रूप से बढ़ोतरी हुई है. 2006 में जब जर्मनी ने विश्व कप का आयोजन किया था, उस वर्ष फीफा की कमाई 749 मिलियन डॉलर (करीब 48 अरब रुपये) हुई थी.

 

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