-सुनवाई कर डीएम ने राज्य चुनाव आयोग को निस्तारण के लिए भेजा

-जल्द ही आएगा आयोग का निर्णय, इंतजार में दावेदार

मेरठ: नगर निकाय चुनाव को लेकर जारी आरक्षण सूची से दावेदार असंतुष्ट हैं। मेरठ नगर निगम समेत 16 स्थानीय निकाय और वार्डो के आरक्षण को लेकर 71 शिकायतें पिछले दिनों तक आई थीं। 17 अक्टूबर को सुनवाई के बाद डीएम ने सभी शिकायतों को निस्तारण के लिए राज्य चुनाव आयुक्त कार्यालय भेज दिया है। एक-दो दिन में आयोग का फैसला भी आने वाला है।

आरक्षण का विरोध

नगर निगम, मेरठ में महापौर की कुर्सी को अनुसूचित जाति-महिला के लिए आरक्षित करने पर लोगों का विरोध है। आलम यह है कि बीते 16 अक्टूबर तक मेरठ जनपद के सभी निकायों से 71 शिकायतें जिला प्रशासन को प्राप्त हुई। सर्वाधिक शिकायतें मेरठ महापौर पद पर आरक्षण को लेकर थीं।

सुनवाई कर भेजी आयोग

सभी शिकायतों पर डीएम समीर वर्मा ने 17 अक्टूबर को सुनवाई की। सभी शिकायतकर्ताओं को साक्ष्यों के साथ कलक्ट्रेट बुलाया गया था। तथ्यों की पड़ताल के साथ-साथ डीएम ने प्रशासनिक प्रतिक्रिया के साथ शिकायतों को निस्तारण के लिए 18 अक्टूबर को राज्य चुनाव आयोग भेज दिया।

लगा शिकायतों का जमावड़ा

25 अक्टूबर को राज्य निर्वाचन आयुक्त सूबे में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकते हैं तो दूसरी ओर आलम यह है कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और परिसीमन की शिकायतों का जमावड़ा लगा है।

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वोटर लिस्ट में नाम, आदि की गड़बड़ी की शिकायत को संशोधन के लिए राज्य निर्वाचन आयोग भेजा जा रहा है। परिसीमन से जुड़ी शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है।

-एसपी पटेल, एडीएम प्रशासन एवं उप चुनाव अधिकारी, मेरठ