मेरठ से कई प्रदेशों में पहुंच रही है हथियारों की खेप

अवैध हथियारों की बढ़ती तस्करी से खुफिया विभाग भी अलर्ट

Meerut। शहर और आसपास के इलाकों में बीते कुछ महीनों में अवैध हथियारों की खेप बढ़ गई है। पुलिस ने मेरठ में सिर्फ एक हफ्ते में ही आठ हथियार बनाने की अलग-अलग स्थानों में चल रही हथियारों की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। पुलिस के मुताबिक मेरठ में धड़ल्ले से आधुनिक हथियार बनाकर प्रदेश के कई जिलों में सप्लाई किए जा रहे है। एक हफ्ते में पुलिस ने 12 हथियार तस्करों को भी गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। एसएसपी राजेश कुमार पांडे का कहना है कि जिलें में हथियारों की फैक्ट्री चलाने वालों के खिलाफ अभियान चला रखा है। जिसमें 20 तस्करों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है।

आखिर किसका संरक्षण

अब सवाल यही उठ रहा है कि आखिर धड़ल्ले से चल रही इन अवैध हथियारों की फैक्ट्रियों को किनका संरक्षण मिल रहा है। चूंकि हथियार बनाने वाली फैक्ट्री में 20 से 30 लोग काम करते है। यहीं नहीं हथियार बनाने के लिए आधुनिक उपकरण का भी इस्तेमाल किया जाता है। जो बाजार से खरीदे जाते है। फैक्ट्रियों में कारीगरों का दिन रात आवागमन भी रहता है, लेकिन इसकी भनक पुलिस को नहीं लगती आखिर यह कैसे संभव हाेता है।

लालबत्ती गाडि़यों में सप्लाई

पुलिस के मुताबिक हथियारों की फैक्ट्री चलाने वालों पर लग्जरी गाड़ी होती है। यही नहीं जब तस्कर अन्य जिलों में जाते है तो गाडि़यों में लाल बत्ती लगा लेते हैं। ऐसी गाडि़यों पर भी पुलिस खास नजर रख रही है। इन अवैध हथियारों की सप्लाई हरियाणा, दिल्ली व मध्यप्रदेश तक में हो रही है।

ऑन डिमांड करते हैं तैयार

पकड़े गए हथियार तस्करों ने बताया था कि वह लोगों की डिमांड पर आधुनिक पिस्टल, तमंचा, राईफल, रिवाल्वर व कारतूस भी तैयार करते है। डिमांड पूरी होने पर उनके पते पर हथियार पहुंचा दिए जाते है।

आउटर क्षेत्र में फैक्ट्री

एक हफ्ते में पुलिस ने जितनी भी फैक्ट्री पकड़ी है वह सभी यहां तो सरधना के जंगल में, या शताब्दी नगर स्थित खंडहरनुमा घर में या नई कॉलोनी या मुस्लिम आबादी के बीच में फैक्ट्री चलाते है।

े है रेट

पुलिस के मुताबिक पकड़े गए हथियार तस्करों ने बताया कि उन्होंने अवैध हथियारों के रेट निर्धारित कर रखे थे।

पिस्टल - 6 से 8 हजार

तमंचा - 2 से 3 हजार

रिवाल्वर - 7 से 8 हजार

राईफल - 10 हजार

कारतूस - 50 से 55 रुपये

बंदूक - 7 हजार रुपये

ये पकड़ी गई फैक्ट्री

31 मई -

नौचंदी थाने की पुलिस ने हथियार बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए हुमायुंनगर निवासी रियाजुद्दीन उर्फ दीवान और गालोपुर निवासी इलियास सैफी को दबोच लिया था। उनके पास से काफी संख्या में अधबने हुए हथियार व हथियार बनाने वाले उपकरण भी बरामद हुए थे।

30 मई

सरधना पुलिस ने बपारसी व मुल्हैड़ा के घने जंगलों में चल रही असलहों की फैक्ट्री चलाते दो हथियार तस्कर जामीन व कासिम को दबोच लिया। उनके पास से काफी संख्या में अधबने और बने हुए हथियार व उपकरण भी पुलिस को मिले।

28 मई

इंचौली पुलिस ने घेराबंदी करके मुरादाबाद के रहने वाले एक कारतूस तस्कर इलियास को लावड़ से दबोच लिया। उसके पास से मेड इन बरेली व मुरादाबाद के पांच सौ के करीब जिंदा कारतूसों का जखीरा बरामद हुआ। इसके साथ पुलिस ने अलग अलग थानों में बीस हथियार तस्करों को भी गिरफ्तार कर लिया है।

शताब्दी नगर में पकड़ी अवैध हथियार फैक्ट्री

दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड में करते थे हथियारों की सप्लाई

दो हथियार तस्कर को पुलिस ने किया गिरफ्तार

पश्चिमी उप्र, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड में हथियार सप्लाई करने वाले एक गिरोह का परतापुर पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए दो हथियार तस्करों को दबोच लिया है। जिनके कब्जे से तीन देसी पिस्टल, 6 तमंचे, कारतूस तथा अवैध हथियार बनाने के उपकरण बरामद किये गये हैं। यह जानकारी एसएसपी राजेश कुमार पांडेय ने प्रेसवार्ता में दी।

कई राज्यों में करते थे सप्लाई

एसएसपी राजेश कुमार पांडे ने बताया कि यह गिरोह मेरठ के सेक्टर 6 शताब्दी नगर में अवैध शस्त्र फैक्ट्री का संचालन कर रहा था। एक सूचना के आधार पर थाना परतापुर प्रभारी गिरजा शंकर त्रिपाठी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने थाना कोतवाली निवासी शहरोज तथा लिसाड़ी गेट निवासी समीर को गिरफ्तार किया है। इनकी फैक्ट्री से हथियार व उपकरण भी बरामद किये गये हैं। एसएसपी ने बताया कि इस गिरोह से जुड़े कुछ अन्य सदस्य जो हथियारों को अन्य राज्यों में भी सप्लाई करते थे उनकी तलाश की जा रही है।