अमेरिका के नाम था रिकॉर्ड

यह बात तो सच है कि आज के दौर में किसी की उम्र देखकर उसके टैलेंट का अंदाजा लगाना मुश्िकल है। हाल ही में हरियाणा की 8 साल की बच्ची रूझान ने इसका प्रमाण भी दिया है। रूझान ने जिस उम्र में बच्चे किताब पढना और छोटे मोटे सवाल करना सीखते हैं उस उम्र में उसने काव्य संग्रह लिख डाला है। रूझान से पहले अमेरिका की  15 साल की बच्ची क्रिस्टोफर पाओलिनी के नाम ये रिकॉर्ड था। रूझान के इस काव्य संग्रह का नाम 'नन्हें पंखों की उड़ान'है।

8 साल की इस बच्‍ची ने काव्य संग्रह लिख तोड़ दिया अमेरिका का रिकॉर्ड

जीवन के अनुभव लिखे

सबसे खास बात तो यह है कि उसने अपने जीवन के सारे अनुभव को उतारा है। रुझान ने अपने दादा व हरियाणा-पंजाब के प्रसिद्ध साहित्यकार  डॉ. जी.डी. चौधरी से प्रेरणा लेकर किया है। बचपन से लिखने की शौकीन रूझान ने अब तक कई कविताओं की रचना की है। 4-5 साल की उम्र से ही उसने प्रकृति व अपने आस-पास के रिश्तों पर कविताएं लिखनी की शुरू कर दी थी।

8 साल की इस बच्‍ची ने काव्य संग्रह लिख तोड़ दिया अमेरिका का रिकॉर्ड

कविताएं प्रकाशित हुईं

रूझान की कविताएं अब तक कई पुस्तकों में संपादित होकर प्रकाशित हो चुकी हैं। एफएम रेडियो पर भी उसकी कविताएं आ चुकी हैं। रूझान को अपनी इस योग्यता के पीछे अब तक कई बड़े पुरस्कार मिल चुके हैं। अभी कुछ दिन पहले ही वह इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड द्वारा सम्मानित हुई हैं। इसमें वह यंगेस्ट ऑथर की टाइटल होल्डर बनी। इस दौरान उसे प्रशंसा पत्र व शिल्ड देकर सम्मानित किया गया है।

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गिनीज बुक में रिकॉर्ड दर्ज

वहीं रूझान के दादा जी व मां डॉ. मोनिका चौधरी व पिता संदीप चौधरी उसका नाम गिनीज बुक में रिकॉर्ड दर्ज करवाना चाहते हैं। उनका कहना है कि रूझान बचपन से ही अपने आस-पास होने वाली छोटी-छोटी चीजों को बड़े ध्यान से देखती थी। वहीं कविताओं की शौकीन रूझान का कहना है कि वह बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती हैं।

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