पहली बार कोई टीम कटिहार से किसी आरोपी को साथ लेकर लौटी

वाराणसी जोन की किसी टीम को पहली बार मिली कामयाबी

 

दो दिन पहले ही चंदौली क्राइम ब्रांच की टीम खाली हाथ लौटी थी

VARANASI : बनारस पुलिस में नये चेहरों ने पुराने मिथक को तोड़ नया कीर्तिमान रचा है। इसकी प्रशंसा महकमे में हो रही है। चोरी, छिनैती और लूट की ताबड़तोड़ घटनाओं को अंजाम देने वाले अपराधियों की खोज में जुटी पुलिस ने बिहार के कटिहार में घुस लुटेरे को दबोचा। जबकि सामने हथियार और ईट-पत्थर लेकर सैकड़ो की भीड़ पुलिस के सामने थी।

आरोपी को आगे कर बचाई जान

जान जोखिम में डाल पुलिस की युवा टीम ने होश नहीं खोया और शस्त्र तान आरोपी को आगे करते हुए वहां से निकल आई। बिहार की लोकल पुलिस कोढ़ा थाना के कर्मचारी भी इनकी हिम्मत देख दंग रह गए। टीम की कमान संभालने वाले युवा सब इंस्पेक्टर श्रीप्रकाश सिंह और अमित कुमार सिंह जान जोखिम में डाल लुटेरे को कटिहार से बनारस लाए। आरोपी के पास से लूट के रुपये भी बरामद करा लिया।

अब तक सभी टीमें बैरंग लौटी

एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने टीम को उम्दा कार्य के लिए 20 हजार रुपये देकर पुरस्कृत किया। यह इसलिए भी बड़ी सफलता मानी जा रही है कि दो दिन पहले ही चंदौली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम दबिश देने कटिहार गई थी, लेकिन विरोध देख उल्टे पैर लौट आई। ऐसा कई बार बनारस पुलिस के साथ भी हुआ है और अब तक जाने वाली टीमें लौटती रही हैं। ये पहली बार हुआ कि युवा टीम ने मिथक को तोड़ा।

झोपड़ी में लगी है एसी

बिहार के कटिहार जिले के जिस कोढ़ा थाना अंतर्गत जुराबगंज से आरोपी को दबोचा गया, वहां का नजारा देख पुलिस टीम भी दंग रह गई। चारों तरफ झोपड़ी के मकान और घर के अंदर एलईडी टीवी, एसी और फ्रीज आदि लगे हुए थे। कुछ घरों के बाहर तो महंगे पावर बाइक भी थे। छानबीन में पता चला कि एरिया के आठ सौ लोगों पर चोरी, लूट के अनगिनत मुकदमें दर्ज हैं। कोढ़ा थाना में लुटेरों की पूरी लिस्ट चस्पा थी। यहां बिहार, झारखंड, यूपी, राजस्थान, नई दिल्ली आदि प्रांतों की पुलिस टीम ने लुटेरों की फोटो चस्पा की है।

ऊंचाई पर रास्ते, खाई में बस्ती

कटिहार के जुराबगंज में छापेमारी करना इसलिए भी कठिन है कि यहां पहुंचने के रास्ते बेहद दुर्गम हैं। ऊंचाई पर मार्ग होने के चलते बाहरी लोगों को बस्ती के लोग दूर से ही पहचान जाते हैं और एलर्ट हो जाते हैं। दूसरी बात कि भेस बदलकर ही यहां कोई पहुंच सकता है। चितईपुर चौकी इंचार्ज श्रीप्रकाश सिंह भी भेस बदलकर बस्ती में घुसे, हवाई चप्पल और साधारण टीशर्ट-लोअर में एसआई को कोई पहचान नहीं सका और जब आरोपी को दबोचा गया तो पूरा इलाका एकजुट हो गया। टीम फंस गई थी लेकिन विवेक का परिचय देते हुए चार सदस्यीय टीम ने आरोपी के साथ खुद को गांव से बाहर निकाल लिया।