RANCHI: रांची के गली-मुहल्लों में प्राइवेट स्कूल कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। शहर में 800 से ज्यादा स्कूल चल रहे हैं, लेकिन मान्यता सिर्फ 80 को ही है। गैर मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों को जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कई बार पत्र लिखे गए। लेकिन, इन स्कूलों के संचालक जानकारी देने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऐसे में जिला शिक्षा अधिकारी ने लास्ट अल्टीमेटम ख्भ् अप्रैल तक का दिया है। इसके बाद ख्म् अप्रैल से क्0 जून तक स्पेशल ड्राइव चलेगा। इस दौरान स्कूलों पर कार्रवाई होगी।

मान्यता लेने में इंट्रेस्ट नहीं

राजधानी के गैर मान्यता प्राप्त 800 निजी स्कूलों को संबद्धता प्रदान करने की प्रक्रिया जिला प्रशासन की तरफ से शुरू की गई है। लेकिन इसमें स्कूलों का इंट्रेस्ट नहीं दिख रहा है। गौरतलब हो कि शहर में निजी स्कूलों की संख्या 800 से अधिक है। इसमें सीबीएसई व आइसीएसई बोर्ड से संबद्ध सिर्फ 80 स्कूल ही हैं। जिला प्रशासन की ओर से इन निजी स्कूलों को सरकार की तरफ से मान्यता दिए जाने की तैयारी है, लेकिन स्कूल मदद नहीं कर रहे हैं।

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--कोई निजी व्यक्ति स्कूल नहीं चला सकता। इसके लिए ट्रस्ट, सोसाइटी या प्रबंध समिति का होना जरूरी है, जो सोसाइटी एक्ट या ट्रस्ट गठन संबंधी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड हो।

-स्कूल का स्वभाग गैर स्वामित्ववाला होना चाहिए। अपनी जमीन जरूरी है। दस्तावेज रजिस्टर्ड होना चाहिए। किराए पर चल रहा है तो उसका भी रजिस्टर्ड कागजात चाहिए। जमीन या भवन में कोई दूसरा कार्य नहीं होना चाहिए।

-क्लास 8 तक के लिए शहर में एक एकड़ जमीन व भवन जरूरी है, वहीं हाइस्कूल के लिए तीन एकड़ जमीन चाहिए। इसके अलावा रूरल एरिया में हाइस्कूल के लिए भ् एकड़ जमीन चाहिए।

-स्कूल भवन संरचना के आधार पर टीचर व स्टूडेंट्स का रेशियो तय होना चाहिए। म्0 बच्चों पर दो टीचर, 90 से अधिक बच्चों पर तीन टीचर होने चाहिए।

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स्कूल की मान्यता के लिए ट्रेंड टीचर अनिवार्य

प्राइवेट स्कूलों की मान्यता के लिए ट्रेंड टीचर का होना जरूरी है। सरकार यह भी देखेगी कि क्.ब्.ख्0क्फ् के पूर्व नियुक्त किए गए शिक्षक प्रशिक्षित हैं या नहीं। यदि शिक्षा अधिकार कानून क्.ब्.ख्0क्0 से लागू होने के पहले से स्कूल चल रहा है, तो वहां के टीचर्स के ट्रेंड होने की शर्त में रियायत मिल सकती है।