- सीएमओ और रेलवे हॉस्पिटल की तरफ से फल और ड्राई फ्रूट देकर हेल्थ डिपार्टमेंट ने की विदाई

GORAKHPUR: कोरोना को मात देकर अपने घर जाने वाले चैंपियंस ने इलाज में जुटे डॉक्टर्स के प्रति आभार व्यक्त किया है। घर जाते हुए उनकी आंखों में खुशी के आंसू भी साफ झलक रहे थे। यह नजारा दिखा जब रेलवे हॉस्पिटल से पहली बार 9 कोरोना मरीज स्वस्थ होकर अपने घर के लिए रवाना हुए। इन मरीजों में देविरया के पांच और चार मरीज महाराजगंज के थे। इनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई जिसके बाद इन्हें डिस्चार्ज किया गया। सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी और रेलवे हॉस्पिटल के प्रमुख चिकित्सा निदेशक डॉ। नवल किशोर यादव ने इन सभी कोरोना चैंपियंस को फल, स्वच्छता किट और ड्राई फ्रूट देकर विदाई की। रेलवे हॉस्पिटल की व्यवस्था से संतुष्ट इन लोगों ने अस्पताल को धन्यवाद देते हुए गोरखपुर के स्वास्थ्य महकमे का भी शुक्रिया अदा किया। चैंपियंस का कहना था कि रेलवे हॉस्पिटल में न केवल उनका इलाज हुआ है, बल्कि उन्हें मनोवैज्ञानिक संबल भी मिला है। अस्पताल के चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टॉफ ने भी चैंपियंस को भावभीनी विदाई दी और साथ में होम क्वारंटीन रहने और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने समेत अन्य सभी एहतियात बरतने को कहा।

ताकि बनी रहे इम्युनिटी पावर

सीएमओ ने बताया कि कोरोना चैंपियंस को विदाई के साथ पोषणयुक्त खाद्य सामग्री इसलिए दी गई ताकि उनकी इम्युनिटी पावर बनी रहे। अस्पताल में भर्ती मरीजों को पौष्टिक आहार व सुविधाएं मिल सकें, इसकी जिम्मेदारी एसीएमओ आरसीएच डॉ। नंद कुमार को दी गई थी। कोरोना चैंपियंस ने बताया कि उन्हें अस्पताल में प्रतिदिन पौष्टिक भोजन के साथ-साथ काजू, बादाम और तलमखाना दिया गया। सेब, केला और आम जैसे फल भी दिए गए। उन्होंने बताया कि अस्पताल की कोविड-19 वार्ड की चिकित्सक डॉ। मोहिनी दूबे, स्टाफ नर्स अल्का यादव, चेतराम व स्टाफ योगेंद्र व अशोक ने खासतौर से हमेशा उनका मनोबल बनाए रखा। शुरूआती दौर में गांव के लोगों ने उनके परिवार के साथ थोड़ा-बहुत भेदभाव का व्यवहार रखा लेकिन उसके बाद सभी लोगों का रवैया सहयोगात्मक रहा। कोरोना चैंपियंस की देखभाल करने वाली चिकित्सक डॉ। मोहिनी दूबे ने बताया कि इलाज के दौरान सबसे अहम भूमिका मानसिक परामर्श की होती है। दवा से ज्यादा कारगर मनोबल को बनाए रखने की तकनीकी है। सीएमओ ने बताया कि मरीजों को गुणवत्तापूर्ण सुविधा मिल सके, इसके लिए जिला क्वालिटी कंसल्टेंट डॉ। मुस्तफा खान, हेल्प डेस्क मैनेजर ब्रह्मलाल प्रजापति, अमरनाथ जायसवाल, सीएचओ शिल्पी, पवन, महेंद्र और नीतू की टीम सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक अलग-अलग बैच में रेलवे अस्पताल स्थित हेल्प डेस्क पर तैनात रहती है।

रह गए हैं 65 मरीज

रेलवे हॉस्पिटल की ओर से डॉ। एम नाथ, डॉ। बीएल चौहान और डॉ। नंद किशोर ने स्वास्थ्य विभाग की भूमिका की सराहना करते हुए बताया कि विभागीय गाइडलाइन के अनुसार मरीजों की सेवा की जा रही है। सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि 9 मरीज स्वस्थ होकर लौट रहे हैं। सीएमओ ने बताया कि इस फैसिलिटी पर कुल 75 मरीज भर्ती थे जिनमें से 9 के डिस्चार्ज होने और 1 मरीज के रेफर होने के बाद कुल 65 मरीज भर्ती रह गए हैं।