- रेप करने वाले को 7 वर्ष , रेप के प्रयास वालों को 5 वर्ष की कैद

- नारी निकेतन की तत्कालीन सुपरिटेंडेंट और कर्मचारियों को भी सजा

- सजा सुनने के इंतजार में कोर्ट परिसर में लगी थी भीड़

- सजा सुनते ही फफक पड़े दोषी

देहरादून।

नारी निकेतन में मूक बधिर संवासिनी से रेप, अबॉर्शन और भ्रूण को जंगल में दबाने के 9 दोषियों को कोर्ट ने सोमवार को सजा सुना दी। सभी नौ अभियुक्तों को अलग-अलग अपराध के लिए अलग सजा सुनाई गई। रेप के मुख्य अभियुक्त को सात वर्ष, रेप का प्रयास करने वालों को पांच वर्ष, पीडि़ता का अबॉर्शन कराने वालों को 4 वर्ष और साक्ष्य मिटाने वालों को 2 वर्ष की सजा सुनाई गई। सजा सुनाते ही कोर्ट परिसर में महिला अभियुक्त रोने लगीं, उनके परिजनों ने भी खूब शोर शराबा किया, लेकिन सजा सुनाते ही पुलिस उन्हें कोर्ट से लेकर रवाना हो गई। हालांकि दो को जमानत मिल गई।

दोषियों को मिली यह सजा

- मुख्य दोषी गुरदास - आईपीसी 376 सी, संवासिनी से रेप में 7 साल की सजा व 10 हजार रुपए जुर्माना

- ललित बिष्ट व हाशिम - आईपीसी 376 सी/ 511, अटैंप्ट टू रेप के दोषी, 5- 5 साल की सजा व 10 हजार जुर्माना

- शमा निगार, किरण नौटियाल, अनिता मंदौला, चंद्रकला क्षेत्री को आईपीसी 313,201,120 बी, रेप पीडि़ता की मर्जी के विरुद्ध अबॉर्शन कराने व एविडेंस मिटाने व आपराधिक षड़यंत्र में दोषी 4-4 साल की सजा।

मीनाक्षी पोखरियाल व कृष्णकांत शाह - आईपीसी 201, अपराध के बाद एविडेंस मिटाने के दोषी करार, 2-2 साल की सजा और 5 हजार रुपए जुर्माना (दोनों को जमानत मिल गई)

संवासिनी रेप कांड

देहरादून के नारी निकेतन में रहने वाली एक मूकबधिर संवासिनी के साथ वहीं के सफाईकर्मी गुरदास ने रेप किया था। होमगार्ड ललित और केयर टेकर हाशिम ने भी उससे रेप का प्रयास किया था। संवासिनी गर्भवती हो गई तो नारी निकतेन की सुपरिटेंडेंट मीनाक्षी पोखरियाल ने स्टाफ मेंबर्स शमा, अनिता, किरण, चंद्रकला और कृष्णकांत उर्फ कांछा के साथ मामले को रफा-दफा करने की साजिश रची। संवासिनी का अबॉर्शन कराया और भ्रूण को जंगल में दफन कर दिया था। अक्टूबर 2015 में एक गुमनाम पत्र आने पर मीडिया में मामला चर्चा में आया, तत्कालीन बाल आयोग अध्यक्ष विजय लक्ष्मी गुंसाई ने नारी निकेतन का दौरा किया तो मूक बधिर संवासिनी ने इशारों में अपनी पीड़ा बताई। इसका वीडियो बाहर आया तो हंगामा मच गया। तत्कालीन सीएम ने जांच के आदेश दिए। एसआईटी का गठन हुआ और एफआईआर दर्ज कर एक के बाद एक आरोपियों को पकड़ा गया। दूधली के जंगल में भू्रण भी बरामद किया गया, जिसका डीएनए आरोपी गुरदास से मैच हो गया था।

एक बजे लाए गए आरोपी

दोपहर एक बजे एडीजे-6 धर्म सिंह की कोर्ट में सभी आरोपियों को लाया गया। यहां आरोपी रुक-रुक कर रोते दिखे तो वहीं कुछ के परिजन यही कहते रहे कि हमें भगवान पर भरोसा है। हम जितना रोना था रो चुके। बार-बार शोर शराबा करने पर अभियुक्तों के कुछ परिजनों को कोर्ट परिसर से बाहर कर दिया गया। इसके बाद एडीजे ने सभी को अलग-अलग दोष में सजा सुनाई।

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कोर्ट में लगी थी भीड़

बहुचर्चित संवासिनी रेप केस के नौ आरोपियों को शुक्रवार को दोषी करार दिया गया था। सजा के लिए मंडे की डेट मुकर्रर की गई थी। सजा सुनाने से पहले ही बड़ी संख्या में लोग कोर्ट पहुंचे थे। जो दोषियों की सजा सुनने को बेकरार थे तो वहीं परिसर में हर कोई सिर्फ नारी निकेतन के दोषियों के बारे में ही बात कर रहा था। पहले तक उनकी सजा को लेकर चर्चा हो रही थी तो बाद में सजा दिए जाने पर बात हुई। वहीं दोषियों के परिजन भी वहां पहुंचे हुए थे।

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मर्सी की मांग करते रहे दोषियों के परिजन

इस दौरान वकीलों में भी आपस में खूब बहस हुई। एक ओर कोर्ट से ऐसा फैसला सुनाने की अपील की गई जो नजीर बने और अन्य सरकारी संस्थाओं में इसका असर हो तो वहीं विपक्ष के वकील मर्सी-मर्सी की बात कर रहे थे। हालांकि एक बजे सिर्फ दस से पंद्रह मिनट की बहस हुई। सजा लंच के बाद सुनाई गई। वहीं इसी दौरान हर कोई सजा सुनने के लिए वहीं डटा रहा।

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रेप का आरोपी गुरदास सजा से पहले ही परेशान दिख रहा था, सजा सुनाते ही रोने लगा

दो मीनाक्षी और कृष्णकांत को सजा तो हुई लेकिन पहले से लगी अर्जी पर जमानत मिल गई।