RANCHI: जीएसटी के लिए रजिस्ट्रेशन कराने में झारखंड के व्यवसाई आगे हैं। रविवार तक 9म् परसेंट व्यवसाइयों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है। अब फ्0 जून तक बचे हुए चार प्रतिशत व्यवसाई भी रजिस्ट्रेशन करा लेंगे। जीएसटी की वेबसाइट द्दह्यह्ल.द्दश्रक्.द्बठ्ठ पर यह डाटा रविवार तक अपलोड किया गया है कि किस राज्य से कितने प्रतिशत लोगों ने जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराया है। इसमें झारखंड के 9म् परसेंट व्यवसाई शामिल हैं।

छह हजार अधिक रजिस्ट्रेशन

झारखंड में रजिस्टर्ड व्यवसाई, जो हर साल रिटेन दाखिल करते हैं उनकी संख्या भ्9 हजार के करीब है। लेकिन क्भ् जून तक के डाटा के अनुसार, म्भ् हजार फ्00 व्यवसाईयों ने जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करा लिया है। इसमें वैसे व्यवसाई भी शामिल हैं, जिन्होंने नया रजिस्ट्रेशन कराया है या रिटेन दाखिल नहीं किया है।

एक जुलाई से कारोबार पर संकट

एक जुलाई से लागू हो रहे जीएसटी के लिए पंजीकरण न कराने वाले व्यापारी किसी तरह का बिल नहीं काट सकेंगे। यदि आसान शब्दों में कहें तो वे कानूनी रूप से किसी तरह का व्यापार नहीं कर पाएंगे। हालांकि, यह प्रावधान सिर्फ ख्0 लाख रुपए से ज्यादा ट्रांजेक्शन करने वाले व्यापारियों पर ही लागू होगा। क्योंकि वही जीएसटी के दायरे में आते हैं।

ख्0 लाख के दायरे में सिमटने की कोशिश

जीएसटी रजिस्ट्रेशन ना करने वाले ज्यादातर व्यापारी अपने आप को इस दायरे से बाहर निकालने में जुटे हुए हैं। इसके लिए वे सीए व वकीलों के सहयोग से अपने सालाना कारोबार को ख्0 लाख से कम शो करने में जुटे हैं। सेल्स टैक्स विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि ख्0 से ब्0 लाख सालाना कारोबार वाले व्यापारियों के लिए यह अच्छा रास्ता साबित हो रहा है। लेकिन आगे जीएसटी लागू होने के बाद यही मुसीबत में डाल सकता है। अधिकारी ने बताया कि अभी तक रजिस्ट्रेशन कराने वाले ज्यादातर बड़े व्यापारी हैं, जिनका सालाना कारोबार करोड़ों में है।

क्भ् हजार रजिस्ट्रेशन कैंसिल

झारखंड में क्भ् हजार ऐसे व्यवसाई हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन जीएसटी में नहीं हो रहा है। उनका रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया गया है। बहुत सारे व्यवसाईयों ने रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आवेदन दिया है, लेकिन उनका रजिस्ट्रेशन अब नहीं हो पाएगा। रजिस्ट्रेशन कैंसिल होने वालों मे ऐसे व्यवसाई हैं, जिन्होंने एक साल से लेकर तीन साल तक कोई काम नहीं किया, ना तो स्टॉक मंगाया, ना ही रिटर्न दाखिल किया है।