'एक कप कॉफी' लिखकर दीवार पर चिपका दिया

जापान के टोक्यो शहर इस कस्बे में खुशहाली जानने के लिए एक बाहरी व्यक्ति वहां खोजबीन करने पहुंचा. किसी ने उसे एक कॉफी शॉप में जाने को कहा. वह कॉफी शॉप पहुंचा तो वहां सबकुछ अन्य नॉर्मल कॉफी शॉप की तरह ही था. फिर भी जिज्ञासावश वहां एक कुर्सी पर बैठकर इधर-उधर गौर से देखने लगा. तभी एक व्यक्ति आया और उसके सामने एक कुर्सी खींच कर बैठ गया. वेटर आया तो उसने उसे दो कॉफी के पैसे देकर कहा, 'एक कप कॉफी मेरे लिए और एक कप उस दीवार के लिए.' थोड़ी देर बाद ही वेटर ट्रे में एक कप कॉफी और एक पर्चा लेकर आया. वेटर ने उसे एक कप कॉफी सर्व की और ट्रे से पर्चा उठाकर दीवार पर चिपका दिया. पर्चे पर लिखा था... 'एक कप कॉफी'. दीवार पर ऐसे कई पर्चे चिपके थे.

दीवार ने पिलाई एक कप कॉफी

यह माजरा समझने के लिए वह दिमाग पर काफी जोर देता रहा लेकिन कुछ भी समझ नहीं आया. थोड़ी देर बाद एक फटेहाल मजदूर कॉफी शॉप में दाखिल हुआ और एक अन्य कुर्सी पर बैठ गया. उसने सोचा इतनी महंगी कॉफी के लिए इस मजदूर को पैसे खर्च नहीं करने चाहिए. इस महंगी कॉफी के बदले वह कुछ जरूरी सामान खरीद सकता है. खैर वेटर आया तो उसने उसे ऑर्डर दिया, 'एक कप कॉफी दीवार से.' वेटर जी सर बोलकर चला गया. उसने दीवार से एक पर्चा फाड़कर डस्टबीन में डाल दिया और उस मजदूर को एक कप कॉफी सर्व कर दी. अब उस आदमी को कस्बे की खुशहाली का राज पता चल गया था. वह समझ गया था कि यहां एक मजदूर भी महंगी जगह ससम्मान उन चीजों का लुत्फी उठा सकता है, जो दुनिया की बाकी जगह सिर्फ उनके लिए सपने हो सकते हैं. वह लोगों के मदद करने के नायाब तरीके

से गदगद था.