-मौनी अमावस्या के एक दिन पहले पुलिस के जवानों ने दिखाई स्मार्ट वर्किंग

-संगम के नाम पर गंगा के घाटों पर करा दिया स्नान, पता बताने से बचते रहे

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PRAYAGRAJ: कुंभ के दूसरे प्रमुख शाही स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर पुण्य की डुबकी लगाने के लिए शनिवार की देर रात से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जोरों पर रहा तो पूरे मेला एरिया में प्रशासन द्वारा की गई चाक-चौबंद व्यवस्था का असर रविवार को दिखाई दिया। व्यवस्था का आलम यह रहा कि छतनाग घाट से लेकर बदरा सौनोटी और उसके आगे तक के एरिया में, काली मार्ग से लेकर दशाश्वमेध घाट तक पुलिस फोर्स के जवान सिर्फ श्रद्धालुओं को रोकते रहे। खासतौर से संगम जाकर पुण्य की डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं को। दूरदराज के क्षेत्रों से सिर पर गठरी लेकर श्रद्धालु जगह-जगह पुलिस वालों से संगम का रास्ता पूछ रहे थे वहां-वहां पुलिस वाले ना संगम जाने का रास्ता बता रहे थे और ना ही यह बता रहे थे कि कौन से पाण्टून पुल से होकर उन्हें घाटों पर स्नान करना है।

क्रियायोग आश्रम पर भटकते रहे श्रद्धालु

छतनाग से होकर मेला एरिया में जाने वाले श्रद्धालुओं को झूंसी स्थित क्रियायोग आश्रम के आसपास से अंदर नहीं घुसने दिया जा रहा था। खासतौर से सेक्टर बारह से लेकर सेक्टर सोलह के एरिया को पूरी तरह से सील कर दिया गया था। सेक्टर सोलह में भक्ति वेदांत नगर काशी के सामने दोपहर बारह बजे जब सैकड़ों श्रद्धालु अखाड़ों की छावनी की ओर बढ़े तो आनन-फानन में वहां पर बैरीकेडिंग कर दी गई। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस व पुलिस फोर्स के जवानों ने किसी को भी अंदर नहीं आने दिया। यही वजह रही कि श्रद्धालुओं को क्रियायोग आश्रम की ओर से सेक्टर दस, ग्यारह व बारह की ओर जाने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ा।

नहीं जाने दिया गया संगम नोज

फाफामऊ और प्रयाग स्टेशन से होते हुए बक्शी बांध पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को संगम स्नान से वंचित होना पड़ा। बक्शी बांध के नीचे से दशाश्वमेध घाट तक बनाई गई अप्रोच रोड पर ही श्रद्धालु आते रहे और जाते रहे। नेत्र कुंभ के आगे पांटून पुल नंबर पंद्रह से जितने भी श्रद्धालु संगम जाना चाह रहे थे उन्हें भी सेक्टर दस व बारह के पास बनाए गए घाटों की ओर पुलिस वालों ने मोड़ दिया। श्रद्धालु संगम स्नान करने का मार्ग पूछ रहे थे लेकिन पुलिस वाले कहीं सीटी बजाने में मशगूल रहे तो कहीं चिल्ला-चिल्लाकर बगल में ही स्नान करने के लिए कहते हुए दिखाई दिए।