- 5000 का जुर्माना हर अल्ट्रेशन पर

- 50 लाख तक का जुर्माना डीलर पर

- मोटर कार संशोधित बिल 2019 में किया गया प्रावधान

- अब तक किसी अपराध की श्रेणी में नहीं था वाहनों में अल्ट्रेशन

sanjeev.pandey@inext.co.in

LUCKNOW: वाहन का मेडगार्ड अपनी जगह पर नहीं मिला या फिर चार पहिया वाहनों में निर्धारित टायर की जगह कोई अन्य टायर मिले तो वाहन मालिक के लिए अब महंगा साबित होगा। वाहन के मूल स्वरूप के साथ छेड़छाड़ वाहन मालिक की जेब पर भारी पड़ेगा। परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार अब तक वाहनों के मॉडीफिकेशन करने पर किसी तरह का जुर्माना वसूले जाने का नियम नहीं था, लेकिन अब इसमें बदलाव कर इसे अफेंस माना गया है। ऐसे में वाहन में किसी तरह का बदलाव होने पर अब वाहन मालिक को जुर्माना देना होगा।

स्टंट को करते हैं वाहन के स्वरूप में बदलाव

परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार वाहनों के मूल स्वरूप में परिवर्तन करने का अधिकार किसी को नहीं है, लेकिन वाहनों को फिल्मी लुक और आकर्षक बनाने के लिए लोग इससे गुरेज नहीं करते हैं। दो पहिया वाहनों में यंगस्टर्स अधिकतर प्रयोग करते हुए देखे जा सकते हैं। कभी हैंडिल के ऊपर अपना फेवरेट मिरर लगवाएंगे और कभी साउंड के लिए साइलेंस के अंदर पड़ी जाली को काट देंगे। इसके साथ ही स्टंट के लिए भी अपने वाहनों से कई बार कई तरह के उपकरण निकाल देते हैं। पहियों को निकालने और बांधने के लिए अपने हिसाब से उसमें उपकरण भी लगवाते हैं।

लगवा लेते हैं मनचाहे उपकरण

इसी तरह से चार पहिया वाहनों के मालिक भी अपने वाहन में सेफ्टी देने के नाम पर कई बार आगे और पीछे लोहे के गार्ड लगवा देते हैं। इसके अलावा वाहनों पर कई तरह की लाइटें लगवा देते हैं। इतना ही नहीं प्रेशर हॉर्न से लेकर कई अन्य इक्यूमेंट बदलवा देते हैं। कुछ लोग तो वाहन का लुक चेंज करने के लिए दरवाजों तक में बदलाव कर देते हैं। डैश बोर्ड के साथ भी छेड़छाड़ करने से भी लोग नहीं हिचकते हैं, लेकिन अब ऐसे लोगों पर लगाम लगाए जाने की तैयारी परिवहन विभाग ने कर ली है।

हर अल्ट्रेशन के लिए होगा जुर्माना

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि अब तक वाहनों के मूल स्वरूप के साथ छेड़छाड़ करने को लेकर किसी तरह के अफेंस की श्रेणी में नहीं था, लेकिन एक सितंबर को जारी मोटर कार संशोधित बिल 2019 में इसे अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है। ऐसे में वाहन में किसी तरह का बदलाव कराने पर 5000 रुपए का जुर्माना देना होगा। मामला सिर्फ यही तक सीमित नहीं है। प्रवर्तन के दौरान वाहन में जितने बदलाव (अल्ट्रेशन) मिलेंगे, उसके अनुसार जुर्माना तय होगा। हर बदलाव के लिए 5000 रुपए जुर्माना वसूला जा सकता है।

कोट

अल्ट्रेशन पर जुर्माने का नियम बन गया है। हर अल्ट्रेशन पर 5 हजार रुपए जुर्माना लिया जाएगा। ऐसे में किसी भी वाहन में बदलाव कराना वाहन मालिक पर भारी पड़ेगा।

वीके सिंह

अपर परिवहन आयुक्त, प्रवर्तन

उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग

बॉक्स

मैन्युफैक्चरर तक पर होगी कार्रवाई

परिवहन विभाग के अनुसार केंद्रीय परिवहन मंत्रालय से पास वाहन ही आरटीओ ऑफिस में रजिस्टर्ड होंगे। यदि कोई ऐसा वाहन जो पास नहीं है और उसका रजिस्ट्रेशन हो जाता है तो संबंधित आरटीओ और एआरटीओ प्रशासन के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा यदि कोई डीलर इस तरह का वाहन बेचता हुआ पाया जाता है तो उससे भी 50 लाख रुपए तक जुर्माना वसूला जा सकता है। इसके अतिरिक्त यदि कोई मैन्युफैक्चर ऐसे वाहन बनाता है, जिसकी परमीशन नहीं है तो उससे एक करोड़ रुपए तक जुर्माना लिया जाने का प्रावधान कर दिया गया है।