60 साल बाद है इस बार बन रहा है विशेष संयोग

16 अक्टूबर 1959 में बना था ऐसा संयोग

12 राशियों पर हो रहा शनि और गुरु के योग का असर

8 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा सूर्योदय से

Meerut। आज अश्विन माह की पूर्णिमा है, ये शरद पूर्णिमा कहलाती है। इस दिन सूर्योदय से सुबह 8 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। पं। चिंतामणि जोशी के अनुसार इस पूर्णिमा पर शनि गुरु की धनु राशि में स्थित है। गुरु ग्रह मंगल की वृश्चिक राशि में स्थित है, शनि से गुरु द्वादश भाव में है, ऐसा योग 60 साल पहले 16 अक्टूबर 1959 में बना था, शनि और गुरु के योग का असर सभी 12 राशियों पर हो रहा है।

209 साल बाद है दुर्लभ संयोग

पंडितों के अनुसार इसबार शरद पूर्णिमा का 209 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है। ज्योतिषाचार्य भारत ज्ञान भूषण के अनुसार इस समय चंद्रमा की ही कर्क राशि लग्न राशि है और चंद्रमा स्वयं भाग्य स्थान पर गुरु की मीन राशि पर मूल त्रिकोण में विराजे होंगे तथा उधर भाग्य के स्वामी गुरु मूल त्रिकोण के पंचम भाव मित्र वृश्चिक राशि में विराजे होंगे। जोकि गजकेसरी जैसा शुभ संयुक्त प्रभाव काल पुरुष की कुंडली में दे ही रहे है साथ ही सूर्य व मंगल का पराक्रम भाव में अत्यंत ऊर्जा प्रदान कर रहा है। पंडितों के अनुसार ऊर्जा का स्वामी बुध स्वराशि के शुक्र के साथ सुख सम्पत्ति के भाव में स्वाति नक्षत्र में यूति बनाए हुए केंद्र में गणेश लक्ष्मी योग बनाए हुए है। उस पर भी बुध राहु बुध का विंशोत्तरी संयोग हर प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर ज्ञानमय होकर मनोबल व मन की खुशियों को बढ़ाते चले जाने के योग बन रहे है। ज्योतिष भारत ज्ञानभूषण के अनसुार ऐसे दुर्लभ संयोग 209 साल बाद शरद पूर्णिमा पर बन रहे हैं, जो आध्यात्मिक व भौतिक दोनो प्रकार की उन्नति के लिए विशेष है।

इस बार की शरद पूर्णिमा बहुत ही महत्वपूर्ण है, इसलिए इसकी पूजा का बहुत ही बड़ा फल मिलेगा।

हरिशंकर जोशी, ज्योतिष

209 साल बाद ऐसे संयोग पड़ रहे है, इसलिए इस शरद पूर्णिमा को बहुत ही लाभदायक माना जा रहा है।

भारत ज्ञान भूषण, ज्योतिष