-कलक्ट्रेट सभागार में उत्तर प्रदेश एड्स नियंत्रण सोसाइटी के सहयोग में हुई संवेदीकरण वर्कशाप

-डीएम ने टीबी पीडि़त बच्चे को गोद भी लिया

<-कलक्ट्रेट सभागार में उत्तर प्रदेश एड्स नियंत्रण सोसाइटी के सहयोग में हुई संवेदीकरण वर्कशाप

-डीएम ने टीबी पीडि़त बच्चे को गोद भी लिया

GORAKHPUR: GORAKHPUR: लोगों में यह भ्रम दूर किया जाना आवश्यक है कि एड्स छूने और हाथ मिलाने से फैलता है। इसलिए एड्स पेशेंट के प्रति भेदभाव का दृष्टिकोण नहीं अपनाया जाना चाहिए। यह बातें डीएम के विजयेंद्र पांडियन ने कलक्ट्रेट सभागार में उत्तर प्रदेश नियंत्रण सोसाइटी के सहयोग से आयोजित अन्तर्विभागीय संवेदीकरण वर्कशाप के दौरान सभी अधिकारियों से कही। डीएम ने कहा कि सभी विभागों का यह दायित्व है कि एचआईवी एड्स के बारे में सही व सटीक सूचना अपने-अपने विभागों में अवश्य पहुंचाएं। डीएम ने इस मौके पर क्षय रोग से पीडि़त एक बच्चे को गोद भी लिया और उसे पोषक सामग्री की पोटली प्रदान की।

जनजागरूकता ही बचाव है

इस अवसर पर सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी ने कहा कि किसी बीमारी के प्रति अवेयरनेस ही उससे सबसे बड़ा बचाव है। कोरोना बीमारी का जिक्र करते हुए सीएमओ ने कहा कि जब बीमारी को लेकर अवेयरनेस होती है तो वह खुद समाप्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि एचआईवी एड्स को भी अवेयरनेस से भय का माहौल खत्म किया जा सकता है।

जिला क्षय रोग अधिकारी व एड्स नियंत्रण प्रोग्राम के नोडल अधिकारी डॉ। रामेश्वर मिश्र ने बताया कि एआरटी सेंटर में कुल 8क्ख्फ् मरीज रजिस्टर्ड हुए जिनमें से म्8ख्क् मरीज एनरोल हुए हैं। उन्होंने बताया कि जिले में भ् महिला सेक्स वर्कर, क्7 पुरुष सेक्स वर्कर, क्फ् ट्रांसजेंडर, भ्म् ट्रक ड्राइवर, 7ख्8 प्रवासी और ख्9ब् किशोर एचआईवी एड्स से ग्रसित हैं। इनके अलावा भ्क् गर्भवती, फ्क्7 विधवा, ख्भ्7 बच्चों, क्म्8 सेमी आर्फेन, 89 डबल आर्फेन और ब्भ्क् डिस्काडर्ेंट कपल को यह बीमारी है। इस अवसर पर डॉ। विश्वम्भर, धर्मवीर प्रताप सिंह, अभय नारायण मिश्रा पर मौजूद रहे।

ऐसे नहीं फैलता है एड्स

- छूने से, हाथ मिलाने से, सामान्य मेल मिलाप से

- एक ही बर्तन में खाना खाने, पानी पीने से

- मच्छर एवं खटमल के काटने से

- एक दूसरे का कपड़ा इस्तेमाल करने से, एक ही शौचालय का इस्तेमाल करने से

- एक सवारी गाड़ी का इस्तेमाल करने से

- एक साथ खेलने से, एक तरण ताल में नहाने से

- खांसने या छींकने से

एड्स के लक्षण

- वजन का घटना

- एक महीने से अधिक बुखार आना

- एक महीने से अधिक दस्त रहना

- लगातार खांसी, चर्म रोगों का होना

- मुंह एवं गले में छाला पड़ना

- लगातार सर्दी व जुकाम

- लसिका ग्रंथियों में सूजन या गिल्टी का होना

- याददाश्त का खोना

- मानसिक क्षमता कम होना

- शारीरिक शक्ति कम होना

एड्स से बचाव

- हर बार कंडोम के साथ प्यार

- नई सिरिंज या सुई का इस्तेमाल

- गर्भवती की जांच एवं संस्थागत प्रसव

- संक्रमित रक्त एवं रक्त उत्पाद का निषेध