- काशी विश्वनाथ मंदिर में मंडलायुक्त ने पुजारियों-कर्मचारियों संग बैठक कर दिए कई निर्देश

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श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में तैनात 12 नि:शुल्क शास्त्रियों के पूजन अनुष्ठान कराने पर मंगलवार को रोक लगा दी गई है। न्यास के मेम्बर प्रसाद दीक्षित की आरे से इन शास्त्रियों की तैनाती में लेनदेन का आरोप लगाया गया था। इसकी जांच सीडीओ को सौंपने के साथ ही सोमवार को इनकी मंडलायुक्त के समक्ष परेड भी कराई गई थी। दोपहर में इसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद फैसला भी ले लिया गया। सरस्वती फाटक स्थित मंदिर दफ्तर में पुजारियों- कर्मचारियों के साथ बैठक में कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने फौरी तौर पर इसकी जानकारी भी दे दी।

लगभग एक घंटे चली बैठक में सीसी फुटेज लीक होने का मामला भी उठा। इस पर कमिश्नर ने चिंता जताते हुए कहा ऐसा कोई कार्य न करें जिससे मंदिर की और आपकी छवि धूमिल हो। इस दौरान एक पुजारी ने तीन साल से मानदेय नहीं बढ़ाए जाने की जानकारी दी। मंडलायुक्त ने इस संबंध में शासन स्तर पर प्रयास करने का भरोसा दिया। एक प्रमुख पुजारी ने स्थानांतरण पर भी सवाल उठाया। इसके अलावा मंडलायुक्त ने दर्शन पूजन किया। मंदिर परिसर, गोयनका भवन की जमीन व ज्ञानवापी मंडप का भी निरीक्षण किया। वापसी के दौरान पं। केदारनाथ व्यास ने एक पत्रक सौंपा। इस पर कमिश्नर ने उन्हें जल्द ही बुलाकर विचार विमर्श करने का भरोसा दिया। बैठक में पुजारियों -कर्मचारियों के अलावा मुख्य कार्यपालक अधिकारी एके अवस्थी, अपर कार्यपालक अधिकारी पीएन द्विवेदी भी थे।

नहीं संभाला कार्यभार

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से स्थानांतरित प्रमुख पुजारी श्रीकांत मिश्र व वरिष्ठ सहायक अरुण मिश्र ने मंगलवार को भी नए स्थान पर कार्य नहीं संभाला। श्रीकांत मिश्रा का शुक्रवार को मंदिर के अधीन चंदौली स्थित महाकालेश्वर मंदिर स्थानांतरण कर दिया गया था। इससे तीन दिन पहले ही वरिष्ठ सहायक अरुण मिश्र को कमिश्नरी स्थित कार्यपालक समिति दफ्तर से संबद्ध किया गया था। कार्यभार न संभालने पर सोमवार को 24 घंटे की नोटिस जारी की गई थी।