- रोजाना 50 उपभोक्ता आधार कार्ड बनवाने पहुंच रहे प्रधान डाकघर

- सिर्फ दो घंटे ही बनाए जाते हैं आधार कार्ड, उपभोक्ता हो रहे मायूस

बरेली : सरकारी मुलाजिम कैसे आम आदमी को परेशान करता है यह देखना है तो प्रधान डाकघर चले जाइए. यहां महीनों से लोग आधार कार्ड बनवाने के लिए भटक रहे हैं. आधार कार्ड न बन पाने के चलते किसी की नौकरी पर बन आई है तो कोई कॉम्पिटिशन का फॉर्म नहीं भर पा रहा है. आधार कार्ड बनवाने के लिए सुबह से ही यहां लोगों की लंबी लाइन लगती है, लेकिन कार्य के प्रति उदासीन जिम्मेदार अपनी मर्जी से ही आधार कार्ड कार्यालय खोलते हैं.

सिर्फ 2 घंटे खुलता है काउंटर

प्रधान डाकघर में आधार कार्ड बनाने की जिम्मेदारी जिन्हें सौंपी गई है. वह अपने कार्य के प्रति कितने सजग हैं इसका पता इसी से लगाया जा सकता है कि लाइन भले ही कितनी भी लंबी हो लेकिन काउंटर दोपहर दो बजे से चार बजे तक सिर्फ दो घंटे के लिए ही खुलता है. इसके बाद लाइन में आगे लगे दस लोगों के आवेदन लेकर बाकी लोगों को अगले दिन आने के लिए कह दिया जाता है. इन दस लोगों में करीब पांच नाम ऐसे होते हैं जिनके आधार कार्ड में संशोधन होना होता है.

10 से 4 बजे तक समय निर्धारित

शासन की ओर से सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक नये कार्ड बनाना और कार्ड में करेक्शन करने का समय निर्धारित किया गया है. इसके बावजूद प्रधान डाकघर में आधार कार्ड काउंटर मनमानी से खोला और बंद किया जा रहा है.

स्टूडेंट भी होते हैं परेशान

आधार कार्ड को शासन की ओर से सर्वमान्य कर दिया गया है. बैंक में खाता खुलवाने, कॉम्पिटिशन फॉर्म भरने परीक्षा में शामिल होने के लिए भी आधार कार्ड होना जरूरी है. स्कूलों में एडमिशन के लिए भी आधार कार्ड मांगे जा रहे हैं. इसके चलते स्टूडेंट्स को भी आधार बनवाने के लिए परेशान होना पड़ रहा है.

नहीं भर पा रही हूं फॉर्म

1. मैं बैंकिंग की तैयारी कर रही हूं, आधार कार्ड न होने से परीक्षा में फॉर्म नहीं भर पा सकती. करीब 15 दिन से चक्कर काट रही हूं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.

दीपू शर्मा.

एक महीने से आ रहा हूं

2. मै एक महीने से लगातार यहां आ रहा हूं, पहले बोले पार्षद से लिखवाकर लाओ अब जब लिखवा लिया तो हर दिन 10 नाम लिखकर बाकी सब को भगा देते हैं.

गोधन

स्कूल में मांगा है आधार कार्ड

3. जब दौरान स्कूल में आधार कार्ड बन रहे थे मैं छुट्टी पर था, स्कूल में आधार कार्ड की फोटो कॉपी मांगी है. यहां पापा के साथ दो बार आ चुका हूं, लेकिन हर बार टाल देते हैं.

गोरंग.

वर्जन :

मामला मेरे संज्ञान में नहीं है. न ही कोई शिकायत ऐसी मिली है, अगर ऐसा है तो फौरन जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी.

एके त्रिवेदी, सीनियर पोस्टमास्टर