अरविंद केजरीवाल के समर्थन में आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं ने फूलबाग गांधी प्रतिमा पर धरना, धरने के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को नहीं रहा बापू के मान-स6मान का 2याल

 

 

 

हेडिंग: .फिर 'आप' और उनमें 1या फर्क है?

- धरना स्थल को ही बनाया पार्किंग, सीढि़यों पर रखे जूते-चप्पल

>abhishek.mishra@inext.co.in

KANPUR (21 Jan) :

बापू तो आज हमारे बीच नहीं हैं। मगर, आज अगर वो जीवित होते तो निराश जरूर होते। निराशा अपने अपमान की निराशा अपने सिद्धांतों की अनदेखी की। वो भी ऐसे लोगों द्वारा जिसमें शहर का प्रबुद्ध वर्ग से लेकर हर आम और खास शामिल था। समय-समय पर राजनीतिक पार्टियों और नेताओं द्वारा बापू के सिद्धांतों को नजरअंदाज करना आम हो चुका है। मगर, मंगलवार को फूलबाग गांधी प्रतिमा पर एक बार फिर ऐसा ही हुआ।

गाड़ी भी धरने पर

दोपहर के करीब एक बजे होंगे। आई नेक्स्ट रिपोर्टर और फोटोग्राफर स्पेशल कवरेज के लिए फूलबाग के सामने से बाइक से गुजर रहे थे। फूलबाग गांधी प्रतिमा पर भीड़भाड़ दिखाई पड़ी तो दोनों रुक गये। अंदर जाकर पता चला कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल के समर्थन और दिल्ली पुलिस की बर्बरता के खिलाफ धरना दे रहे हैं। मगर, यह क्या कार्यकर्ताओं ने तो धरना स्थल को पार्किग प्लेस बना डाला था। ठीक गांधी प्रतिमा के नीचे एक बड़ी कार भी खड़ी नजर आई। गाड़ी पर एक कार्यकर्ता का बड़ा सा स्टीकर लगा था। नाम लिखा हुआ था, सतीश सचान।

ये क्या कर डाला?

बापू के प्रति सम्मान का दूसरा नमूना मिला गांधी प्रतिमा की सीढि़यों पर जिसे कार्यकर्ताओं ने शू-रैक बना डाला। नीचे से लेकर ऊपर तक की सीढि़यों पर जूते और चप्पल सजे हुए रखे थे। बापू के दूसरी तरफ बैग और प्लास्टिक बैग बेतरतीब ढंग से रखे नजर आए। धरने से ज्यादा पार्टी नेताओं का ध्यान मेम्बर बनाने पर रहा। यह समझ पाना मुश्किल हो रहा था कि यह धरना-प्रदर्शन है या फिर किसी गली-नुक्कड़ या चौराहे पर होने वाली आम संगोष्ठी।

 

इनसेट-इनसेट

चंद फासले पर तहसील दिवस

जिस वक्त बापू की प्रतिमा के नीचे धरने के नाम पर अराजकता हो रही थी। उसी समय धरनास्थल से चंद कदम पर तहसील दिवस चल रहा था। पुलिस-प्रशासन के सीनियर अफसर पब्लिक की समस्याएं सुन रहे थे। शहर में कानून-व्यवस्था का सुचारू ढंग से पालन करवाने वाले इन अफसरों का एक बार भी बापू प्रतिमा की ओर नहीं गया।

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किसने क्या कहा

 

ø हां, यह गलती हो गई। हमें गाड़ी नहीं लानी चाहिए थी। मेरी गाड़ी में एनाउंसमेंट डिवाइस लगी थी। उसी से एनाउंसमेंट करवाना था।

- सतीश सचान, कार्यकर्ता आम आदमी पार्टी

 

ø सीढि़यों पर रखे जूते-चप्पल देख नहीं पाया। मामले की जानकारी अनुशासन समिति को लिखकर भेज दूंगा।

- अमित अवस्थी, मीडिया प्रभारी, आप

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ऑफिशियल वर्जन

 

ø मामला संज्ञान में आया है। मामले की जांच करवाने के आदेश दिये गये हैं।

- अविनाश सिंह, एडीएम सिटी

 

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