सोचें, समझें फिर चुनें

हल्की नीली जींस, सफेद लाइनिंग की फुल टीशर्ट और आंखों में काले फ्रेम का खूबसूरत चश्मा पहने शाम को साढ़े चार बजे करीब आमिर खान ने ऑफिस के रूम में एंट्री की. फिर पूरी गर्मजोशी से सबसे मिलने के बाद हर सवाल का जवाब पूरे परफेक्ट अंदाज में दिया. लोकसभा इलेक्शन नजदीक हैं ऐसे में जब उनसे ये सवाल पूछा गया कि कैंडिडेट कैसा होना चाहिए. तो काफी विचार करने के बाद उन्होंने कहा, कैंडिडेट चुनने से पहले लोगों को कई बार सोचना चाहिए. जानना चाहिए कि क्या वो देश के लिए कानून बना सकता है? कैंडिडेट अच्छा होना चाहिए. क्योंकि उसको आपका प्रतिनिधित्व करना है.

कानून से ऊपर कोई नहीं

बिल्कुल परफेक्ट अंदाज में आमिर ने फिल्म अभिनेता संजय दत्त के पेरोल से जुड़े इश्यू पर अपनी राय रखी. उन्होंने काफी सोचने समझने के बाद बिना किसी का नाम लिये कहा कि अगर कहीं कानूनी तौर पर कोई गलती हो रही है तो गलत है. जो कुछ भी हो वो कानून के तहत हो. इस खबर की हर बारीकी समझने के बाद उन्होंने कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है.

बिना पब्लिक के आंदोलन नहीं

मिस्टर परफेक्शनिस्ट ने जब गेस्ट एडिटर के तौर पर बताया कि लोग अपनी मांगें मनवाने के लिए धरना, प्रदर्शन और बंद करते हैं. लेकिन मुझको लगता है कि जब तक किसी बंद के लिए पब्लिक खुद आगे न आए तो वो ठीक नहीं है. क्योंकि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आंदोलन में पब्लिक खुद आती थी. लोगों को बुलाना नहीं पड़ता था, वो आगे आकर उनके कंधे से कंधा मिलाकर चलते थे. उन्होंने हमेशा सिखाया कि पब्लिक के हित में हर काम होना चाहिए. हमको उसने प्रेरणा लेनी चाहिए.

'वोट जरूर डालें'

गेस्ट एडिटर के तौर पर उन्होंने खबरों पर बारीकी से चर्चा की तो बीच-बीच में लोगों को जागरूक करने वाले संदेश भी दिये. आमिर ने कहा कि वोट हमारा हक है इसलिए लोगों को वोट जरूर डालना चाहिए. उन्होंने बताया कि वो हर प्रोग्राम में लोगों को अवेयर करते हैं कि किसी भी कीमत पर वोट डालने से न चूकें.

कदम अच्छा था लेकिन...

आमिर खान से जब ये पूछा गया कि दिल्ली के फॉर्मर चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल के कदम के बारे में आप क्या कहेंगे? तो उनका जवाब था कि अरविंद की पहल काफी अच्छा कदम था. लोग उनके साथ थे लेकिन इस्तीफा देकर उन्होंने लोकसभा चुनाव की ओर सोचना शुरू कर दिया. ये ठीक नहीं है, जनता ने उनके ऊपर भरोसा किया. लोगों को ये विश्वास था कि वो उनकी प्रॉब्लम को सॉल्व करेंगे. उन्होंने लोगों का विश्वास जीता था तो उस पर पूरी तरह खरा उतरना चाहिए था.

'ये क्रांतिकारी कदम है'

शहर की रोड पर दोनों ओर ड्राइंग बनाकर चमकाने की बात जब आमिर को बताई गई तो उनका कहना था कि रोड को पेंटिंग्स के माध्यम से खूबसूरत बनाने का कदम क्रांतिकारी है. उनके मुताबिक इससे तो पूरे शहर की रौनक बढ़ गई.

यूथ अपनी जिम्मेदारी समझें

मिस्टर परफेक्शनिस्ट ने कहा कि यूथ को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए. आज का यूथ काफी समझदार है. सबसे पहली बात तो ये कि उनको हर अच्छी और बुरी बात समझनी चाहिए. देश के लिए उनको समय देना चाहिए. देश से जुड़े हर मुद्दे पर अपनी राय रखनी चाहिए. आरटीआई कानून पर आमिर का कहना था कि ये पब्लिक के लिए काफी हेल्पफुल है. इसलिए इसका प्रचार प्रसार होना चाहिए. जब उनसे बताया गया यहां तो एक सरकारी डिपार्टमेंट ने आरटीआई कानून के तहत जानकारी के लिए भी पैसे मांगे तो आमिर ने कहा कि ऐसी खबर को हमको काफी अहमियत से पब्लिश करना चाहिए. क्योंकि ये पब्लिक से जुड़ी न्यूज है.

...क्योंकि पब्लिक की बेहतरी के लिए

आमिर से जब ये पूछा गया कि एक एडिटर के रूप में आप न्यूज पेपर के पहले पेज पर कौन सी खबरें लेना चाहेंगे? तो उनका कहना था कि खबरें वो हों जोकि पब्लिक से जुड़ी हुईं हों. उनके मुताबिक कई बार ऐसा होता है कि जो खबरें दूरगामी परिणाम की होती हैं हम उनको पीछे लगाते हैं. मुझको लगता है कि उनको आगे अहमियत देकर लगानी चाहिए. अपने रीडर्स को ये बताना चाहिए कि हम ये खबर पहले इसलिए आपको पढ़वाना चाहते हैं कि इसका परिणाम आपके लिए बेहतर होगा.

आई नेक्स्ट के कैंपेन की सराहना

आमिर खान ने आई नेक्स्ट के कैंपेन 'हैं तैयार हम' की सराहना की. उन्होंने आई नेक्स्ट में पब्लिश कई न्यूज को बारीकी से पढ़ा. उनका कहना था कि आई नेक्स्ट अपने कैंपेन के तहत पब्लिक से इलेक्शन के जुड़े मुद्दे पूछ रहा है जोकि काफी सराहनीय कदम है. हमको पब्लिक के हितों का पूरा ध्यान रखना चाहिए.

फोटो में देखें एडिटर आमिर को

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