उन्होंने इस बात से इनकार किया कि उनकी पार्टी के विधायक विनोद कुमार बिन्नी मंत्रियों की संभावित सूची में नाम न आने से नाराज़ हैं.

उन्होंने पार्टी में मतभेद को मीडिया की मनघडंत ख़बर बताया.

आम आदमी पार्टी कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है. हालांकि केजरीवाल ने कांग्रेस से गठबंधन से इनकार किया.

उन्होंने कहा, "हमारा न किसी से गठबंधन है और न किसी से बातचीत हुई है. जो दिल्ली का विधायक हमें समर्थन देना चाहता है, वो साथ आए."

उन्होंने शपथ ग्रहण के लिए समाजसेवी अन्ना हजारे को निमंत्रण भेजने पर केजरीवाल ने कहा कि तारीख तय होने के बाद इस बारे में अन्ना से खुद बात करेंगे.

'ये उनकी समस्या है'

आम आदमी पार्टी को समर्थन देने के मुद्दे पर कांग्रेस में मतभेदों की ख़बरों पर केजरीवाल ने कहा, "ये उनकी समस्या है. हम सरकार मुद्दों पर बना रहे हैं. कांग्रेस पहले कह रही थी कि हम बिना शर्त समर्थन दे रहे हैं, जबकि बीजेपी शर्तों पर समर्थन देने की बात कह रही थी."

कांग्रेस में जहां आम को समर्थन देने के मुद्दे पर कुछ मतभेद देखे जा रहे हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस की मदद से सरकार बनाने के आम आदमी पार्टी के फैसले को मौकापरस्ती कहा है.

केजरीवाल ने कहा कि जिन 18 मुद्दों को उनकी पार्टी ने सामने रखा है उन्हें विधानसभा में रखा जाएगा, जो विधायक इन पर समर्थन देने चाहते हैं, वो सामने आएं.

इन मुद्दों में वीआईपी कल्चर बंद करना, जनलोकपाल बिल पारित करना, दिल्ली में 'स्वराज' की स्थापना, दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा, महिलाओं को सुरक्षा के लिए विशेष बल बनाना और झुग्गी बस्तियों में रहने वालों को पक्के मकान देना जैसी बातें शामिल हैं.

शपथ ग्रहण समारोह की तिथि पर केजरीवाल ने कहा कि अभी उनसे उप राज्यपाल ने कोई संपर्क नहीं किया है.

स्वराज और लोकपाल के मुद्दे पर उन्होंने कहा, "ये मुद्दा बड़ा ही दिलचस्प है, संविधान में लिखा है कि दिल्ली सरकार कानून बना सकती है. लेकिन अब मुझे बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने कोई आदेश जारी किया है कि अगर दिल्ली सरकार कोई कानून पारित करेगी तो उसे केंद्र सरकार की अनुमति लेनी होगी. ये आदेश तो गलत है. इस बारे में हम बात कर रहे हैं."

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