उन्होंने इस मंच से यह भी स्पष्ट किया कि आम आदमी पार्टी समूचे उद्योग जगत के ख़िलाफ़ नहीं है, बल्कि उनकी पार्टी सिर्फ़ कुछ कॉरपोरेट घरानों का विरोध कर रही है.

सोमवार को संसद में पेश हुए बजट का उल्लेख करते हुए उन्होंने केंद्र की यूपीए सरकार पर निशाना साधा. केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ख़ुद इतने बड़े अर्थशास्त्री हैं लेकिन देश के लोग मौजूदा आर्थिक हालात से ख़ुश नहीं हैं.

भारतीय राजनीति को बड़ा 'रफ़ एंड टफ़' बताते हुए उन्होंने कहा, ''मनमोहन सिंह सरकार में ईमानदार राजनीति नहीं थी और इसी वजह से उनकी आर्थिक योजनाएं काम नहीं आईं.''

नाकाम केंद्र सरकार

अरविंद केजरीवाल ने ज़ोर देकर कहा कि विकास सरकार नहीं करती बल्कि आम लोग करते हैं जो काम-धंधे में जुटे होते हैं.

"बिज़नेस करना सरकार का काम नहीं है, बिज़नेस निजी हाथों में छोड़ देना चाहिए. इसके लिए सरल नियम, सरल न्यायपालिका, सरल कानूनी प्रक्रिया की ज़रूरत है."

-अरविंद केजरीवाल

उन्होंने सरकार के तीन काम गिनाए- पहला अपने नागरिकों की सुरक्षा करना, दूसरा उन्हें न्याय दिलाना और तीसरा भ्रष्टाचार मुक्त ईमानदार प्रशासन देना.

केजरीवाल ने अफ़सोस ज़ाहिर करते हुए कहा कि कोई पार्टी इन मुद्दों की बात नहीं करती.

उन्होंने दावा किया, ''विपक्षी पार्टियां सिर्फ विकास करने की बात कर रही हैं लेकिन क्या इन मुद्दों के समाधान के बिना बिज़नेस हो सकता है. सिर्फ आम आदमी पार्टी इन मुद्दों की बात कर रही है.''

बेईमानी की वजह

सीआईआई के मंच से अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''देश के 99 प्रतिशत लोग ईमानदारी से काम-धंधा करना चाहते हैं लेकिन ऐसा माहौल नहीं है. इसी वजह से लोगों को बेईमानी करनी पड़ती है.''

इसका समाधान सुझाते हुए उन्होंने कहा, ''मौजूदा नीतियों और प्रक्रियाओं को सरल बनाना होगा. ख़ुद पहल करके ऐसी नीतियां बनानी होंगी जिससे कारोबार बढ़े.''

पार्टी उद्योग जगत के ख़िलाफ़ नहीं: केजरीवाल

उन्होंने इंस्पेक्टर राज और लाइसेंस राज को ख़त्म करने की ज़रूरत पर बल देते हुए कहा, ''बिज़नेस करना सरकार का काम नहीं है, बिज़नेस निजी हाथों में छोड़ देना चाहिए. इसके लिए सरल नियम, सरल न्यायपालिका, सरल कानूनी प्रक्रिया की ज़रूरत है.''

बिजली कंपनियों के ऑडिट से जुड़े एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा, ''जब सरकार बिजली कंपनियों को चलाने की कोशिश करती थी तो जमकर भ्रष्टाचार हुआ. लेकिन जब बिजली निजी कंपनियों के हाथ में चली गई तो उन कंपनियों पर नज़र रखना सरकार की ज़िम्मेदारी है.''

निजी क्षेत्र से उम्मीद

उन्होंने गैस की कीमतों पर सरकार की नीतियों की आलोचना की और गैस के दाम अंतरराष्ट्रीय बाज़ार के हिसाब से तय नहीं करने की हिमायत की.

पार्टी उद्योग जगत के ख़िलाफ़ नहीं: केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि देश में नई नौकरियां सृजित करना आसान नहीं है, इसलिए हमें अपने युवाओं को कारोबार से जोड़ना होगा. केजरीवाल ने कहा, ''कॉलेजों में ऐसी व्यवस्था करनी होगी जिससे छात्रों को अपने आइडिया पर काम करने का मौका मिल सके."

केजरीवाल ने ये भी स्पष्ट किया कि आने वाले दिनों में निजी क्षेत्र ही देश के युवाओं को नौकरियां देने की स्थिति में होगा.

International News inextlive from World News Desk