आप ने दिया निष्कासन पर बयान

आम आदमी पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी से योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को निकाले जाने के बाद पार्टी ने आधिकारिक बयान दिया है. इस बयान में कहा गया है कि दोनों वरिष्ठ नेताओं ने दिल्ली चुनावों के दौरान पार्टी को हराने की कोशिश की है. आप नेता संजय सिंह ने कहा कि 4 मार्च को हुई आप की कार्यकारिणी मीटिंग में दोनों नेताओं को पीएसी से मुक्त करके पार्टी में आए गतिरोध को दूर करने की कोशिश की गई है. पार्टी ने कहा, 'प्रशांत भूषण ने दूसरे प्रदेशों के कार्यकर्ताओं को फोन कर दिल्ली प्रचार में आने से रोका. उन्होंने दूसरे प्रदेशों के कार्यकर्ताओं को कहा- मैं भी प्रचार नहीं कर रहा. आप भी मत आओ. पार्टी को हराना जरूरी है, तभी अरविंद का दिमाग ठिकाने आएगा. इस बात की पुष्टि अंजलि दमानिया भी कर चुकी हैं कि उनके सामने प्रशांत जी ने मैसूर के कार्यकर्ताओं को ऐसा कहा.'

प्रशांत ने किया अवाम को सपोर्ट

पार्टी ने प्रशांत भूषण पर हमला बोलते हुए कहा कि भूषण ने आप के विरोध में खड़े होने वाले संगठन 'अवाम' को सपोर्ट किया था.  आशीष खेतान ने जब चुनावों के दौरान खेतान को लोकपाल और स्वराज पर होने वाले दिल्ली डायलॉग की लीडरशिप संभालने को कहा तो भूषण ने कहा 'पार्टी का प्रचार को दूर की बात है, वह चाहते हैं कि पार्टी को दिल्ली में सिर्फ 20-22 सीटें मिले जिससे नेतृत्व में परिवर्तन आए.' इसके साथ ही चुनाव से पहले पार्टी की चुनाव तैयारियों को बर्बाद करने

की धमकी दी थी. इस पर पार्टी के दस बड़े नेताओं को तीन दिनों तक प्रशांत एवं शांति भूषण को समझाना पड़ा था.

सोच-समझ कर हुआ डिसीजन

पार्टी ने कहा, 'बहुत सारे प्रश्नों और तथ्यों पर गहनता से विचार-विमर्श के बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने बहुमत से दोनों वरिष्ठ साथियों को PAC से मुक्त करके नई जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया.' योगेंद्र यादव पर पत्रकारों से ऑफ द रिकॉर्ड बातचीत के दौरान अरविंद की छवि खराब करने के आरोप लगाए गए हैं.

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