लेकिन बीबीसी हिंदी के साथ एक बातचीत में लंदन में 'आप' के संयोजक ने कहा कि वरिंदर और हेमंत नाम के व्यक्ति पार्टी के सदस्य हैं या नहीं, यह कहना अभी मुश्किल है.

लंदन में पार्टी नेता राज रेडिज गिल ने इस बारे में बीबीसी से बात करते हुए कहा, “जिन लोगों के नाम बीबीसी के कार्यक्रम में सामने आए हैं वे आम समर्थक के तौर पर पार्टी से जुड़े हुए थे. वरिंदर सक्रिय तौर पर काम करना चाहते थे लेकिन कई हफ़्तों से वह ज़्यादा सक्रिय नहीं थे. दूसरे व्यक्ति हेमंत कभी-कभी हमारी गतिविधियों में शामिल होते हैं."

गिल ने कहा, "अब पार्टी के समर्थक दुनिया भर में फैले हुए हैं. पर इस तरह की कोई प्रक्रिया नहीं है जिसमें हम हर समर्थक के बारे में पड़ताल कर सकें. हम हर समर्थक के साथ आम लोगों की तरह ही बर्ताव करते हैं. पर अगर हमारी जानकारी में ये बात आती है कि किसी समर्थक का आपराधिक रिकॉर्ड है तो हम उनके खिलाफ़ कदम उठाते हैं.”

दरअसल, बीबीसी के खोजी कार्यक्रम 'पैनोरामा' ने गुप्त फ़िल्मिंग की जिसमें लंदन में रहने वाले वरिंदर नाम के एक व्यक्ति का ज़िक्र है. वह ये कहते हुए देखे जा सकते हैं कि वह छात्रों को अंग्रेज़ी का टेस्ट पास करने में मदद कर सकते हैं और असल उम्मीदवार की जगह कोई दूसरा टेस्ट देगा.

यहाँ पिछले एक साल से ऐसे एजेंटों पर नज़र रखी जा रही थी जो फर्ज़ीवाड़े के ज़रिए छात्रों की वीज़ा की सीमा बढ़वाने में मदद करते हैं.

गुप्त फ़िल्मिंग में दिखाया गया है कि कैसे साउथहॉल से चलने वाली स्टूडेंटवे नाम की कंपनी अंग्रेज़ी के टेस्ट में छात्रों को पास करवा सकती है फिर चाहे इन लोगों को अंग्रेज़ी न आती हो. इस कंपनी के निदेशक वरिंदर हैं जो आम आदमी पार्टी के समर्थक रहे हैं.

'कड़ी जाँच करेंगे'

"जिन लोगों के नाम बीबीसी के कार्यक्रम में सामने आए हैं वे आम समर्थक के तौर पर पार्टी से जुड़े हुए थे. वरिंदर सक्रिय तौर पर काम करना चाहते थे लेकिन कई हफ़्तों से वह ज़्यादा सक्रिय नहीं थे. दूसरे व्यक्ति हेमंत कभी-कभी हमारी गतिविधियों में शामिल होते है. "

-राज रेडिज गिल

अब आम आदमी पार्टी से जुड़े लोगों का नाम कथिल धांधली में सामने के बाद पार्टी का क्या रुख़ होने वाला है? इस पर राज रेडिज गिल का कहना था, “हम उनसे कोई संबंध नहीं रखेंगे और अधिकारियों से यही कहेंगे कि वे अपनी कार्रवाई करें. दिल्ली में हमारी पार्टी को भी हम इन लोगों के बारे में सूचित करेंगे. अगर ये लोग आधिकारिक तौर पर पार्टी के सदस्य हुए तो इनके खिलाफ़ कदम उठाया जाएगा."

साथ ही उन्होंने कहा, "हम आगे से और एहतियात बरतेंगे. अगर कोई व्यक्ति हमें मदद करना चाहता है तो उसकी पृष्ठभूमि की जाँच करेंगे और कोड ऑफ़ कन्डक्ट कड़ा करेंगे.”

बीबीसी के पैनोरामा कार्यक्रम पर ब्रिटेन की गृह मंत्री ने भी प्रतिक्रिया दी और इसे 'शॉकिंग' बताया है.

इसी तरह एक अन्य अंडरकवर उम्मीदवार ने जब परीक्षा में हिस्सा लिया तो उनके जैसे सारे उम्मीदवारों को सुपरवाइज़र ख़ुद सही उत्तर बता रहे थे. हर साल ब्रिटेन में यूरोपीय संघ से बाहर के देशों के करीब एक लाख छात्र अपना वीज़ा बढ़वाते हैं.

सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर काफ़ी चर्चा है. टि्वटर पर कई लोगों ने इस प्रतिक्रिया दी है. लिंडा ने ट्वीट किया है- @lindanewmai - आप और उनके मुख्यमंत्री अपनी गलतियाँ क्यों नहीं मानते? जबकि @dipu412 ने लिखा है- मैं आप का प्रशंसक नहीं हूँ और मैने पैनोरोमा कार्यक्रम देखा है. वहाँ किसी पार्टी का ज़िक्र नहीं था.

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