तीन साल बाद हो रहा पीयू इंप्लाइज एसोसिएशन का इलेक्शन
कैंडिडेट्स के नाम हुए फाइनल, 21 को होगा इलेक्शन
पटना यूनिवर्सिटी कैंपस इन दिनों इंप्लाइज इलेक्शन के रंग में डूबा है। सुबह से शाम तक यहां इंप्लाइज इलेक्शन की चर्चा और कयास लगाने सिलसिला चलते रहता है। शनिवार को इस चर्चा ने उस वक्त अधिक जोर पकड़ लिया, जब नॉमिनेशन प्रॉसेस फाइनल हो गया। कुछ पुराने तो कुछ सीटिंग कैंडिडेट्स मैदान में हैं, वहीं कुछ नए लोग भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। पीयू इंप्लाइज एसोसिएशन के लिए लगभग साढ़े तीन साल बाद इलेक्शन हो रहा है। हालांकि एसोसिएशन का टेंडर दो साल का ही है, पर यह इलेक्शन डेढ़ साल देरी से हो रहा है।
रिजल्ट भी 21 को ही
पीयू इंप्लाइज एसोसिएशन का इलेक्शन 21 अक्टूबर को होना है। रिजल्ट भी उसी दिन शाम तक घोषित हो जाएंगे। इस इलेक्शन के 13 अक्टूबर तक नॉमिनेशन फाइल किए गए हैं, जबकि 15 अक्टूबर को नॉमिनेशन वापस लेने की लास्ड डेट थी। नॉमिनेशन वापसी के बाद जेनरल सेक्रेटरी के एक पोस्ट के लिए उमेश प्रसाद और विनोद मिश्र में टक्कर है, जबकि वाइस प्रेसिडेंट के दो पोस्ट पर चार कैंडिडेट्स फाइट कर रहे हैं। वहीं ज्वाइंट सेक्रेटरी के लिए सात और ट्रेजरर पोस्ट के लिए दो नॉमिनेशन फाइनल हुए हैं।

जेनरल सेक्रेटरी - एक पोस्ट
* उमेश प्रसाद
* विनोद मिश्रा
वाइस प्रेसिडेंट - दो पोस्ट
* सुरेंद्र सिंह
* रणविजय
* नवल किशोर मिश्रा
* वीरेंद्र चंद्रवंशी
* उमेश चंद्र मिश्र
ज्वाइंट सेक्रेटरी - तीन पोस्ट
* रवि कुमार यादव
* अनुज कुमार
* महेंद्र शर्मा
* अरुण कुमार पांडेय
* मंटू कुमार
* नसीम खान
* हरेंद्र सिंह
ट्रेजरर - एक पोस्ट
* नलिन कुमार सिंह
* राम अयोध्या सिंह

Intezaar kab tak?
सबके हैं एसोसिएशन, स्टूडेंट्स के लिए कुछ भी नहीं
पटना यूनिवर्सिटी में एकेडमिक से लेकर एडमिनिस्ट्रेटिव प्रॉब्लम्स तक की भरमार है। सॉल्यूशन का तरीका भी है। यूनिवर्सिटी के बेसिकली तीन पार्ट हैं, टीचर्स, इंप्लाइज और स्टूडेंट्स। हालांकि स्टूडेंट्स को छोड़कर सबके पास अपनी बातें कहने का फोरम है। पीयू में टीचर्स की समस्याओं को उठाने के लिए पीयू टीचर्स एसोसिएशन है, जबकि इंप्लाइज के लिए इंप्लाइज एसोसिएशन। पर, अफसोस जिनके लिए यूनिवर्सिटी है, उन्हीं के पास कोई फोरम नहीं है। पीयू में हाल के दिनों में स्टूडेंट्स मूवमेंट पर एडमिनिस्ट्रेशन की नजर टेढ़ी रही है। ऐसा इसलिए भी हो सका है, क्योंकि स्टूडेंट्स के पास कोई ऑप्शन नहीं है। स्टूडेंट्स यूनियन की कहानी तो 80 के दशक से ही बंद हो गई। कोर्ट ने टॉपर्स को लेकर स्टूडेंट्स यूनियन बनाने को कहा तो, लेकिन पीयू एडमिनिस्ट्रेशन ने कोई कार्रवाई नहीं की। एक बार फिर इंप्लाइज के एसोसिएशन के लिए इलेक्शन हो रहे हैं, पर स्टूडेंट्स अभी भी अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।

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