-ग्रामीण युवा सरकार की योजना का गलत तरीके से नाम लेकर उड़ाते हैं मजाक

- परिवार नियोजन के लिए केन्द्र सरकार ने सप्लाई किए 'आशा निरोध'

BAREILLY :

केंद्र सरकार द्वारा फैमिली प्लानिंग प्रोग्राम के तहत सप्लाई किए गए गर्भ निरोधक निरोध का नाम 'आशा निरोध' रखने को लेकर आशा वर्कर्स को शर्मिदगी झेलनी पड़ रही है। स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में इन कंडोम के बांटने का काम आशा बहुओं को सौंपा है। जिन्हें गर्भ निरोधक बांटने के दौरान अश्लील कमेंट सुनने पड़ रहे हैं। इससे परेशान आशा वर्कर्स सीएचसी पर आशा निरोध के नाम को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने इस संबंध में एक पत्र केन्द्र सरकार को भी भेजा है जिसमें उन्होंने कंडोम का नाम चेंज करने की बात कही है। उन्होंने चेतावनी दी है कि नाम नहीं चेंज किया गया तो वह मजबूरी में सम्मान की लड़ाई के लिए कोर्ट जाएंगी।

इससे सम्मान को पहुंचती है ठेंस

आशा वर्कर्स ने बताया कि कंडोम का नाम आशा होने के कारण शरारती लोग कंडोम का नाम लेकर मजाक उड़ाते हैं। आशा बहुओं को उस समय सबसे ज्यादा परेशानी होती है जब एक साथ 2 से 5 लड़के समूह में निरोध लेने पहुंचते हैं। सरकार के निरोध का नाम आशा के नाम पर रखने से आते-जाते लोग भद्दे कॉमेंट करते हैं। क्या यही सोचकर सरकार ने निरोध का नाम आशा रखा है। एक तरफ तो सरकार महिलाओं के सम्मान की बात करती है। वहीं दूसरी तरफ उनके अपमान के लिए आशा निरोध बंटवाने को मजबूर र रही है। लेकिन वह शांत नहीं बैठेंगी। इसके लिए वह कोर्ट तक जाने की तैयारी में हैं।

सरकार की अपील का उल्टा अर्थ

गांव के कुछ युवक सरकार की अपील का उल्टा अर्थ निकालते हैं, आशा बहुएं बताती हैं कि सरकार लोगों से सरकारी योजनाओं की जानकारी के लिए यह अपील करती है कि आशाओं से मिलें, लेकिन लोग इसका उल्टा अर्थ निकालकर हमारे पास पहुंच जाते हैं। वह कहते हैं कि सरकार ने कहा कि आप से मिलो और मदद लो। सरकार के निरोध का नाम आशा रखने से जिंदगी जीना मुश्किल हो गया है। लेकिन किसी से इसलिए नहीं कह पाते कि नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा।

आशाओं की जुवानी

गांव में फैमिली प्लानिंग की जानकारी देते समय उनको जब कंडोम देने पड़ते हैं तो खुद आशा निरोध नाम बताते हुए शर्मिदगी महसूस करनी पड़ती है।

राजश्री आशा वर्कर

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गांव में जब कंडोम बांटने जाते हैं तो जहां पर एक से अधिक युवक होते हैं तो वह कई बार ऐसे कमेंट करते हैं जिसे सुनकर बुरा लगता है।

पुष्पा, आशा वर्कर

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कमेंट सुनकर आशा निरोध बांटने से इनकार करें तो जॉब से निकालने की बात सुननी पड़ती है। जिससे मजबूरी में बांटने पड़ते हैं। सरकार को भी पत्र भेजकर नाम बदलवाने की मांग की है।

ऊषा, आशा वर्कर

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जब से आशा निरोध नाम चेंज हुआ है तब से कोई युवा आता है तो वह आशा निरोध नाम लेकर ही मांगता है। जबकि पहले सिर्फ निरोध नाम से मांगता था।

कंचन, आशा वर्कर

केन्द्र सरकार की फैमिली प्लानिंग योजना है हम यहां से कुछ नहीं कर सकते हैं। लेकिन इस बारे में एक दो ने शिकायत भी की तो उन्हें समझाया कि किसी के मजाक उड़ाने का ध्यान न दें। कोई परेशान करे तो पुलिस में शिकायत करें।

विनीत शुक्ला, सीएमओ बरेली