RANCHI : तकनीकी फाल्ट के चलते घंटों बिजली गुल रहने की समस्या से निजात मिलने वाली है। बिजली विभाग ने अब किसी भी तरह की खराबी के कारण लाइन कटने की समस्या के समाधान के लिए एक हाइटेक डाटा सेंटर बनाया है। इस सेंटर में बड़ी स्क्रीन लगायी गयी है जिस पर फॉल्ट एरिया ब्लिंक होने लगेगा। इससे खराबी तत्काल ठीक की जा सकेगी, और मैक्सिमम दस मिनट के अंदर बिजली सप्लाई बहाल हो जायेगी।

ऐसे काम करेगा स्काडा सिस्टम

बिजली की ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए स्काडा सिस्टम अलग-अलग तरह से काम करेगा। इससे पता चल सकेगा कि शहर में क्यों और कितने देर से बिजली गुल है। रिंग, मेन यूनिट व नई तकनीक से फीडरों का ऑनलाइन वोल्टेज, करंट का प्रवाह, सर्किट ब्रोकर की मॉनिटरिंग की जायेगी। इसके तहत जिस इलाके में बिजली कटेगी वहां क्या फाल्ट है इसकी सूचना तत्काल डाटा सेंटर में जो डिस्प्ले बनाया गया है उस पर दिखने लगेगी। अगर कहीं ट्रांसफॉर्मर जल गया है या कहीं तार काट कर गिर गया है या फिर कहीं इंसुलेटर में प्रॉब्लम है तो वह डाटा सेंटर में स्थित डैशबोर्ड पर दिखने लगेगा। फाल्ट दिखने के बाद सेंटर में तैनात स्टाफ संबंधित इलाके के कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता व कनीय अभियंता को फोन कर इसकी जानकारी देंगे, जिसके बाद फाल्ट को दुरुस्त करने के लिए काम शुरू हो जाएगा।

जहां फॉल्ट, वहीं कटेगी बिजली

इस ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम से जिस इलाके में फॉल्ट होने का पता चलेगा तो सिर्फ उसी इलाके की बिजली को काटी जाएगी। अगस्त महीने से बिजली की ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए यह सिस्टम काम करना शुरू कर देगा। इसके लिए डोरंडा के कुसई कॉलोनी में जो हाईटेक डाटा सेंटर बनकर तैयार है। बिजली विभाग की सीएमडी वंदना डाडेल उसका जल्द इनॉगरेशन करेंगी। स्काडा सिस्टम के तहत कैसे बिजली की ऑनलाइन मॉनिटरिंग होगी इसकी जानकारी कार्यपालक अभियंताओं को दी जा चुकी है।

फाल्ट ढूंढने में नहीं लगेगा समय

अभी बिजली विभाग की सबसे बड़ी समस्या यह है कि कहीं भी अगर कोई फ ॉल्ट होता है तो उसे पता करने में ही घंटों लग जाता है। लेकिन इस सिस्टम के शुरू हो जाने पर किस इलाके में क्या फाल्ट हुआ है। उसका पता आसानी से चल जाएगा। जिसके बाद कर्मचारियों को उसे तत्काल ठीक करने में भी सुविधा होगी और लोगों को भी बिजली की परेशानी से निजात मिल जाएगी।