इलाहाबाद (पीटीआई / आईएएनएस)। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर को बुधवार को बाघंबरी मठ के परिसर में एक समाधि में रखा गया, जिसमें सैकड़ों संतों और संतों की उपस्थिति में मंत्रों का जाप किया गया। भू-समाधि में उन्हें लेटी हुई स्थिति में रखा गया था क्योंकि प्रथा के मुताबिक उनका पार्थिव शरीर बैठाने की स्थिति में नहीं था। समाधि को एक नींबू के पेड़ के करीब रखा गया है, जैसा कथित सुसाइड नोट के अनुसार महंत ने चाहा था। इससे पहले, महंत के पार्थिव शरीर को अंतिम पवित्र स्नान के लिए संगम ले जाया गया। इस दाैरान उनके अंतिम दर्शन के लिए मार्ग पर भारी भीड़ उमड़ी रही। इससे पहले दिन में पांच डॉक्टरों के एक पैनल ने अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का पोस्टमार्टम किया और अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपी। पोस्टमार्टम स्वरूप रानी नेहरू मेडिकल कॉलेज में करीब ढाई घंटे तक चला और सीलबंद लिफाफे में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को रिपोर्ट सौंप दी गई। जहां शव परीक्षण किया गया था, वहां सुरक्षा कर्मियों की भारी तैनाती थी। वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि शव का पोस्टमॉर्टम पूरा हो गया है, पुलिस गहन जांच कर रही है।

शिष्य आनंद गिरी को हिरासत में लिया गया
उत्तर प्रदेश पुलिस ने मंगलवार को संत की मौत की जांच के लिए 18 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था और हरिद्वार में उनके एक शिष्य आनंद गिरी को हिरासत में लिया था। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मौत से जुड़े सभी पहलुओं की जांच की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। भारत में साधुओं के सबसे बड़े संगठन के अध्यक्ष रहे संत को सोमवार को इलाहाबाद के बाघंबरी मठ में उनके शिष्यों ने फांसी पर लटका पाया। पुलिस ने कहा था कि एक कथित सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें संत ने लिखा था कि वह मानसिक रूप से परेशान है और उन्हें उनके कुछ शिष्यों द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। उनके सुसाइड नोट से कई अहम सवाल उठ रहे हैं।

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