-जल निगम के सेक्शन ऑफिसर अब्दुल सलीम फरीदी की किडनैपिंग का मामला

-संदीप के अकाउंट की लगातार निगरानी से मिला कातिलों का सुराग

-प्रदेश में पहली बार टेकऑफ के लिये तैयार फ्लाइट से हुई अरेस्टिंग

-हनी ट्रैप का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को डीजीपी ने की पुरस्कृत करने की घोषणा

LUCKNOW : हनी ट्रैप में फंसे अब्दुल सलीम फरीदी की फिरौती देने के बाद रिहाईवारदात के मास्टरमाइंड प्रेमी युगल संदीप-नीतू का कत्ल और फिर फिरौती की रकम समेटकर फरार होने की जुगत में दोनों कातिलों की फ्लाइट से अरेस्टिंगकहानी बिल्कुल किसी मुंबइया फिल्म के क्लाईमैक्स जैसे अपने अंजाम तक पहुंचती है। पर, इस कहानी के बैकग्राउंड में गाजीपुर पुलिस व एसटीएफ की टीमों ने जो तालमेल व सतर्कता दिखाई, उसने हनी ट्रैप के आरोपियों को पुलिस ट्रैप में फंसने को मजबूर कर दिया। बेहद प्रोफेशनल तरीके से किये गुडवर्क को डीजीपी जावीद अहमद ने खुद सराहा और पुलिस टीम को 50 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की। इतना ही नहीं, आईजी ए। सतीश गणेश ने पुलिस टीम को सम्मानित करने की भी घोषणा की है।

10 लाख रुपये दी थी फिरौती

जल निगम के सेक्शन ऑफिसर अब्दुल सलीम फरीदी की सोमवार रात किडनैपिंग, उनके रिहा होने, फिरौती की रकम की लालच में मास्टरमाइंड संदीप सिंह व नीतू के कत्ल और उनके कातिलों की अरेस्टिंग की पूरी कहानी सिलसिलेवार ढंग आई नेक्स्ट ने आपको पुलिस के खुलासे से पहले ही बता दी। पर, जितनी यह कहानी दिलचस्प है, इन कातिलों को पकड़ने के लिये पुलिस द्वारा अपनाई गई रणनीति उससे भी ज्यादा दिलचस्प और रोमांचक है। एफआईआर दर्ज होने के बाद से मामले की निगरानी कर रहे सीओ दिनेश पुरी ने बताया कि फरीदी के मोबाइल फोन की पहली बार लोकेशन इलाहाबाद के अरैल में निकली। आनन-फानन पुलिस टीम को उनकी तलाश में रवाना कर दिया गया। थोड़ी देर बाद उनकी लोकेशन सोरांव गंगापार निकली। टीम इलाहाबाद पहुंची तो फरीदी की लोकेशन फाफामऊ के मंसूराबाद रोड पर थी। पुलिस टीम ने वहां पहुंचकर फरीदी को बरामद कर लिया और उन्हें लेकर वापस लखनऊ लौट आई। पूछताछ में पता चला कि फरीदी के परिजनों ने एचडीएफसी बैंक के एक अकाउंट में 10 लाख रुपये फिरौती जमा की तब जाकर किडनैपर्स ने अब्दुल सलीम फरीदी को रिहा किया। फरीदी ने बताया कि उसे नीतू व संदीप ने किडनैप किया था और रकम संदीप के अकाउंट में जमा कराई गई थी।

मोबाइल की जगह बैंक अकाउंट सर्विलांस पर

सीओ पुरी ने बताया कि संदीप के मोबाइल को सर्विलांस पर लिया। पर, उसका मोबाइल लगातार स्विचऑफ आ रहा था। जिसके बाद बैंक अकाउंट की निगरानी के लिये एक पुलिस टीम को एचडीएफसी बैंक में बैठा दिया गया। इसी बीच इलाहाबाद से खबर मिली कि संदीप और नीतू का कत्ल हो गया और उनकी लाश हंडिया व उरांव से बरामद हुई है। लेकिन, संदीप के कत्ल के बाद भी उसके अकाउंट से रुपये निकालने का सिलसिला जारी था। यह भी पता चला कि अज्ञात शख्स रुपये निकालते हुए लखनऊ की ओर बढ़ रहे हैं। पुलिस अकाउंट की हर हलचल पर नजर बनाए थी। इसी बीच बुधवार दोपहर पता चला कि अमौसी एयरपोर्ट स्थित स्पा में संदीप के कार्ड के जरिए पेमेंट किया गया है। जानकारी मिलते ही एयरपोर्ट चौकी इंचार्ज को एक्टिव किया गया। उसने फौरन स्पा में पड़ताल की तो पता चला कि दो लोगों ने अपनी मसाज कराई है और उसका पेमेंट संदीप के कार्ड से किया गया है। स्पा में उनका बोर्डिग पास की फोटो कॉपी मिल गई। उन बोर्डिग पास की पड़ताल में पता चला कि वे दोनों मुंबई जाने वाली गो एयर की फ्लाइट पर सवार हो चुके हैं। चौकी इंचार्ज ने फौरन आईजी ए। सतीश गणेश को इसकी जानकारी दी। आईजी ने एटीसी को फोन कर फ्लाइट को टेकऑफ करने से रुकवाया। जिसके बाद पुलिस ने रनवे पर पहुंचकर फ्लाइट से संदीप व नीतू के कातिलों इमरान व जीतेश को अरेस्ट कर लिया।