- कोर्ट के आदेश पर क्राइम ब्रांच ने रामपाल को मेडिकल पुलिस के हवाले किया

- 23 सितंबर को मेडिकल कॉलेज से हो गया था फरार

Meerut : मेडिकल कॉलेज अस्पताल से 24 सितंबर को पुलिसकर्मियों को चकमा देकर भागे बंदी ने दिल्ली में आत्मसमर्पण कर दिया। बंदी मेरठ से भागकर दिल्ली गया था और दो दिन पूर्व ही उसने दिल्ली क्राइम ब्रांच के सामने सरेंडर कर दिया था। कोर्ट के आदेश पर मेडिकल पुलिस बंदी को लेकर मेरठ लौट आई।

मेडिकल कॉलेज में हो रहा था इलाज

दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद सिविल लाइन थाना क्षेत्र स्थित सर्वोदय कालोनी निवासी रामपाल के सीने में 22 सितंबर को दर्द हुआ तो सिपाही प्रदीप कुमार मौर्य, शेर सिंह व मेडिकल थाने के एक होमागर्ड की सुरक्षा में उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। 24 सितंबर को वह फरार हो गया था। तीनों सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ मेडिकल थाने में लापरवाही का मुकदमा दर्ज हुआ और जेल सिपाहियों को जेलर एसएम रिजवी ने सस्पेंड कर दिया। होमगार्ड की बर्खास्तगी को होमगार्ड कमांडेंट को पत्र भेजा था।

बंदी बोला, शौचालय से नहीं भागा

बंदी रामपाल ने बताया कि वह मेडिकल कॉलेज के शौचालय से नहीं, बल्कि बेड से उठकर भागा था। रामपाल ने कहा, इस दौरान तीनों सुरक्षाकर्मी बाहर चाय पी रहे थे। वह गढ़ रोड से बस पकड़कर भैंसाली पहुंचा। यहां से दिल्ली के बुराड़ी में रहने वाले दोस्त प्रमोद के घर पहुंच गया था। प्रमोद के समझाने पर ही उसने दो दिन पूर्व दिल्ली क्राइम ब्रांच में सरेंडर किया।

बंदी पर है दुष्कर्म का आरोप

रामपाल पर इंचौली थाने से 2014 में दुष्कर्म का केस दर्ज है। तभी से वह जेल में बंद है। रामपाल का कहना है कि वह गंगानगर में किराये के मकान में रहता था और ऊपर के कमरे में गांव दाह निवासी सुधीर राणा रहता था। सुधीर ने अपनी प्रेमिका से दुष्कर्म किया, जिसके बाद युवती ने सुधीर के साथ उसे भी फंसा दिया। वह खुद पुलिस के पास गया था, मगर आज तक सुधीर को पुलिस पकड़ नहीं पाई है।

बंदी रामपाल को दिल्ली से दबोचा है। बंदी 24 सितंबर को मेडिकल कॉलेज से भागा था, तभी से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।

बचन सिंह, एसओ, मेडिकल।