- जोगीवाला के पास दोपहर में हुआ हादसा

- मंदिर से दर्शन कर लौट रही थी मां-बेटी

देहरादून

दून पुलिस शहर की सड़कों पर दिन में भारी वाहनो की आवाजाही नहीं रोक पा रही। जो लोगों की सड़क हादसों में मौत का कारण बन रही है। संडे को जोगीवाला के पास रोड एक्सीडेंट में एक 7 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। बच्ची अपनी मां के साथ एक्टिवा पर मंदिर से दर्शन कर लौट रही थी। पीछे से ट्रक ने टक्कर मारी, जिससे मां-बेटी सड़क पर गिर पड़ी। सड़क पर सिर टकराने से बच्ची की मौत हो गई और मां घायल है। हादसे के बाद मौके से फरार हुए ट्रक समेत चालक को पुलिस ने पकड़ लिया।

हादसा संडे दोपहर 2 बजे मोहकमपुर फ्लाईओवर के पास हुआ। गोरखपुर चौक के पास रहने वाली रीता पत्‍‌नी बसंत खुल्बे कॉलोनी में ही रहने वाली एक अन्य महिला दोस्त निशा व अपनी दो बेटियों प्रियांशी और राशि के साथ लक्ष्मण सिद्ध मंदिर से दर्शन करने गई थी। लौटते समय रीता और बड़ी बेटी प्रियांशी एक एक्टिवा पर और छोटी बेटी राशि पड़ोसन निशा के टू व्हीलर पर सवार थी। मोहकमपुर फ्लाईओवर से उतरने के बार करीब 100 मीटर आगे जोगीवाला में पीछे से तेजी से आ रहे एक ट्रक ने रीता की एक्टिवा को टक्कर मार दी। मां-बेटी सड़क से दूर जाकर गिरे। सड़क से सिर टकराने से 7 वर्षीय प्रियांशी की मौत हो गई और मां रीता को काफी चोट आई।

छोटी बेटी ने कहा, आंटी रोको मम्मी दिखाई नहीं दे रही:

रीता अपनी बेटियों और पड़ोस में रहने वाली दोस्त निशा के साथ लक्ष्मण सिद्ध मंदिर से लौट रही थी। निशा की गाड़ी आगे और रीता की पीछे थे। एक्सीडेंट के बाद निशा के पीछे बैठी रीता की छोटी बेटी ने पीछे देखा तो उसे मां नजर नहीं आई। जब उसने टू-व्हीलर चला रही राशि को कहा, आंटी रोका, मम्मी नजर नहीं आ रही। निशा ने भी गाड़ी रोककर पीछे देखा तो सड़क पर भीड़ नजर आ रही थी। गाड़ी मोड़कर वहां पहुंची। मौके पर रीता जख्मी और प्रियांशी अचेत पड़ी थी। सड़क पर जा रहे एक कार वाले ने मां-बेटी को तुरंत कैलाश हॉस्पिटल पुहंचाया,जहां डॉक्टर्स ने प्रियांशी को मृत घोषित कर दिया। मां रीता अभी भर्ती है।

दो में से अब एक ही बेटी रह गई:

प्रियांशी बसंत खुल्बे और रीता की दो बेटियों में बड़ी थी। मूलत: काशीपुर के रहने वाले बसंत कुछ वर्ष पहले ही देहरादून आए थे। वे यहां गोरखपुर चौक के पास किराए के मकान में पत्नी और बेटियों के साथ रहते थे। दून में वे प्रोपटी ब्रोकिंग का काम करते थे। पुलिस ने कैलाश अस्पताल में ही बच्ची के शव का पंचनाम तैयार किया। पोस्टमार्टम मंडे सुबह कराया जाएगा। बच्ची के मौत के बाद पिता और छोटी बेटी को रो-रोककर बुरा हाल है।

अस्पताल में भर्ती मां पूछ रही मेरी बेटी कैसी है:

हादसे में प्रियांशी की मां रीता को भी काफी चोट आई हैं। वह कैलाश होॅस्पटल में भर्ती है। उसे फिलहाल यह बताया गया है कि प्रियांशी की हालत सीरियस है। ऐसे में वे दर्द से कराहते हुए बार बार पूछती हैं, कि मेरी बेटी कैसी है। कोई उन्हें बताने की हिम्मत भी नहीं कर पा रहा कि अब प्रियांशी इस दुनिया में नहीं रही।

शहर में दिन में भारी वाहन हों प्रतिबंधित:

दून की सड़कों पर दिन में भारी वाहनों खासकर ट्रक और डंपर की एंट्री रोकने में पुलिस नाकाम है। पिछले दिनों ही शिमला बायपास पर एक डंपर ने 11वीं की छात्रा को कुचल दिया था। तब भारी वाहनों की एंट्री रोकी गई थी, लेकिन कुछ दिन बाद ही पुलिस ने भारी वाहनों में भी क्लासीफिकेशन कर दिया। ट्रकों को यह कहकर छूट दे दी गई कि व्यापारियों और फैक्ट्री वालों की डिमांड थी। डंपर को खतरनाक बताकर प्रतिबंध जारी है। इस बार ट्रक ने टक्कर मार दी, जिसमें बच्ची की मौत हो गई। ऐसे में पुलिस के ट्रक और डंपर के बीच कम ज्यादा खतरे का तर्क कोरा साबित हो गया।