-शिवरात्रि पर दोस्तों के साथ संगम पर डुबकी लगाने गया था युवक

-साथी को गंगा की लहर में फंसकर बहा, साथी को बचाया गया

ALLAHABAD: शिवरात्रि के साथ संगम तट पर एक महीने तक चलने वाले माघ मेले का समापन होता है। यह प्रशासन भी जानता है और पुलिस भी। तैयारी भी इसी को देखते हुए ही की गई थी। लेकिन, ऑफिसर्स ने थोड़ी नरमी क्या बरती, जल पुलिस पूरा का पूरा गायब हो गई। नतीजा एक युवक को अपनी जान से हाथ धोना पड़ गया। इस प्रकरण ने संगम नोज और गंगा तट पर जल पुलिस की तैनाती पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

भांप नहीं पाया लहरों का रुख

जरा सी चूक हुई और खुशियां मातम में बदल गई। शिव रात्रि पर वह अपने दोस्तों के साथ संगम नोज पर स्नान करने पहुंचा था। जरा सी चूक हुई और गंगा की तेज लहरें उसे बहा ले गई। साथी का भी यही हाल हुआ लेकिन स्थानीय लोगों के चौकन्ना होने से उसे बचा लिया गया। दारागंज पुलिस ने इस दर्दनाक हादसे की जानकारी फैमिली मेम्बर्स को दी तो वे सन्नाटे में आ गए।

रेंट पर रहता था युवक

राजेन्द्र यादव कप्तानगंज आजमगढ़ के रहने वाले हैं। उनका बड़ा बेटा अरुण यादव इलाहाबाद के बाघंबरी गद्दी के पास प्रभाकर के मकान में किराए पर कमरा लेकर रहता था। ग्रेजुएशन के बाद वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। थर्सडे को अरुण अपने साथी मृत्युंजय के साथ संगम स्नान करने पहुंचा था। करीब दस बजे अचानक अरुण और राजेन्द्र गंगा की लहरों में फंस गए। दोनों को डूबते देख स्नान करने पहुंचे अन्य लोग चकरा गए। जो तैरना जानते थे, उन्हें बचाने के लिए नदी में उतर गए। उन लोगों ने मृत्युंजय को तो बचा लिया लेकिन अरुण को जब तक बाहर निकाला जाता वह अंतिम सासें गिन रहा था। हॉस्पिटल ले जाने पर डॉक्टर ने सॉरी बोल लिया।

काश जल पुलिस होती

स्थानीय लोगों की मानें तो पहले से तय था कि शिव रात्रि के दिन श्रद्धालुओं का रेला संगम स्नान करने पहुंचेगा। ऐसे में वहां जल पुलिस की पूरी फोर्स तैनात होनी चाहिए। लेकिन, ऐसा नहीं था। बारिश के कारण ज्यादातर फोर्स लापता थी। संगम नोज पर दिन भर यही चर्चा होती रही कि जल पुलिस होती तो युवक की जान बच जाती।