दिल्ली में 15 साल बाद बीजेपी के आसार

इसी रुझान पर रविवार को नतीजे आए तो छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के गढ़ में हैट्रिक बनाते हुए बीजेपी दिल्ली में 15 साल बाद कांग्रेस को उखाड़ेगी तो राजस्थान के रेगिस्तान में फिर कमल खिलेगा. कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब यह है कि मिजोरम में भी वह बहुमत से दूर दिख रही है. वहां त्रिशंकु विधानसभा का रुझान है. लोकसभा चुनाव से पूर्व यह रुझान कांग्रेस को डरा सकता है.

छोड़ गए अहम संकेत

पांच राज्यों के चुनाव बुधवार को समाप्त हुए तो अहम संकेत भी छोड़ गए. कम से कम रुझानों ने यह साबित कर दिया कि सामान्यतया चुनाव में अहम न माने जाने वाले महंगाई, भ्रष्टाचार और विकास इस बार तो मुद्दे थे ही, संभवत: आगे भी रहेंगे. इन्हीं मुद्दों पर कांग्रेस को घेर रहे राजग के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी और बीजेपी को इससे बड़ा आत्मबल मिल सकता है. दरअसल इस क्लीन स्वीप के बाद मोदी का दबदबा तो और बढ़ेगा ही, राजग के विस्तार की राहें भी खुल सकती हैं. इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि इसके बाद कांग्रेस अपने सहयोगियों के बीच घिरे.

मोदी ने किया सघन प्रचार

ध्यान रहे कि इन चारों राज्यों में मोदी ने इस बार सघन प्रचार किया था. नवंबर में उनका 15 दिन इन्हीं राज्यों में बीता था. राजनैतिक रूप से इन विधानसभा चुनावों को लोकसभा का सेमीफाइनल माना जा रहा था. रुझानों ने फाइनल के लिए उत्साह बड़ा दिया है.

इन राज्यों से बीजेपी को आस

दरअसल यह वे राज्य हैं, जिनसे बीजेपी बड़ी आशा लगाए बैठी है. लोकसभा चुनाव में जहां राजस्थान में प्रदर्शन सुधरने की आशा है, वहीं दिल्ली में सातों संसदीय सीट गंवा चुकी पार्टी इस बार इसे पूरी तरह पलटने की कोशिश करेगी.

एमपी और छत्तीसगढ़ में बीजेपी का रुझान

बीजेपी के इस उत्साह का कारण स्पष्ट है. रुझान के अनुसार जनता विकास के लिए छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में बीजेपी को सराहती दिख रही है. वहीं उसने दिल्ली में विकास के बावजूद कांग्रेस सरकार को नकार दिया. जाहिर तौर पर यह बदलाव उसे सबसे ज्यादा भाएगा. शायद यही उत्साह केंद्र में कांग्रेस की दस साल पुरानी सरकार के खिलाफ लड़ाई में और ज्यादा बल देगा. राजस्थान में यूं तो सरकार बदलने की परंपरा रही है, लेकिन सर्वे में जिस तरह बीजेपी के पक्ष में बढ़ोत्तरी दिखाई गई, वह कांग्रेस को परेशान कर सकता है.

राजस्थान में आरक्षण और समर्थन का गणित

दरअसल राजस्थान में कांग्रेस जाट आरक्षण, गुर्जर समर्थन जैसे कई समीकरणों को साधकर आश्वस्त हो रही थी. कई योजनाओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लोकप्रिय भी बनाया था.

कांग्रेस के लिए मिजोरम भी खतरनाक

कांग्रेस के लिए खतरनाक संकेत मिजोरम में भी है. दरअसल यहां कांग्रेस का मुकाबला क्षेत्रीय दलों से है, लेकिन एक्जिट पोल ने कांग्रेस को बहुमत से दो सीट पीछे रखा है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी के लिए सिर्फ भ्रष्टाचार चुनावी मुद्दा था. उसके लिए जनता के समर्थन ने जहां इस मुद्दे को स्थापित किया वहीं महंगाई के खिलाफ बीजेपी बिगुल बजाती रही थी.

बहुमत से तय हो रहा लोकतंत्र

विधानसभा चुनाव के नतीजे जो भी हों, जनता ने यह बता दिया है कि लोकतंत्र अब सचमुच बहुमत से तय होगा. हर साल होते रहे चार पांच चुनावों की कड़ी में यह पहली बार हुआ कि सभी पांचों राज्यों में मतदान फीसदी 70 के आस-पास या उसके कहीं आगे रहा. साथ ही यह संकेत भी मिल गया कि चुनावों में व्यक्ति भी अहम होता है. इसके लिए नरेंद्र मोदी के साथ-साथ रमन सिंह, शिवराज सिंह चौहान और अरविंद केजरीवाल को बड़ा कारण माना जा रहा है. चुनाव आयोग की कोशिशों के बीच यह राहत और आश्वासन का विषय है कि सामान्यता वोटिंग से दूर रहने वाला मध्यमवर्ग अब जाग गया है. पिछली बार की अपेक्षा इस बार सभी राज्यों में मतदान प्रतिशत में ऐतिहासिक वृद्धि हुई. दरअसल मतदान बढ़ने को सत्ता परिवर्तन से जोड़ा जाता रहा है.

विकास के लिए डाल रही जनता वोट

लेकिन रुझान के अनुसार जनता विकास के लिए भी वोट डालती है. खासकर छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में संबंधित मुख्यमंत्री बहुत लोकप्रिय माना जा रहे थे. भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़कर राजनीति में आए केजरीवाल को दिल्ली में बढ़े मतदान का श्रेय दिया जा रहा है. तो मोदी का जादू अब कोई भी नहीं नकार रहा है.

किसको, कितनी सीटें (एक्जिट पोल नतीजे-2013)

दिल्ली (70)

पार्टी एबीपी न्यूज एसी नील्सन टाइम्स नाऊ सी वोटर इंडिया टुडे ओआरजी मार्ग टुडेज चाणक्य सीएनएन

आइबीएन सीएसडीएस 2008 की सीटें

बीजेपी 37 29 40 - - 23

कांग्रेस 16 21 20 - - 43

आप 15 16 06 - - -

अन्य 02 04 04 - - 04

मध्यप्रदेश (230)

बीजेपी 138 145 138 161 136-146 143

कांग्रेस 80 77 80 62 67-77 71

अन्य 12 08 12 7 7-27 16

राजस्थान (200*)

बीजेपी - 130 110 147 126-136 78

कांग्रेस - 48 62 39 49-57 96

अन्य - 22 28 14 7-25 26

छत्तीसगढ़ (90)

बीजेपी - 44 53 51 45-55 50

कांग्रेस - 41 33 39 32-40 38

अन्य - 05 04 0 0-5 02

नोट: रिक्त कॉलम (-) में संबंधित एजेंसी ने सर्वे नहीं किया * मतदान 199 सीटों पर हुआ

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