- एलयू में फर्जी चेकों से करोड़ों का गोलमाल करने का मामला

LUCKNOW:

एलयू के खाते से 1.09 करोड़ रुपए निकाले जाने के मामले में पुलिस की जांच अभी किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है। पुलिस की टीमें बिहार, दिल्ली और हरियाणा के चक्कर लगा चुकी हैं लेकिन कुछ खाताधारियों के अलावा उसके हाथ कोई नहीं आया है। अब पुलिस यूनिवर्सिटी के वित्तीय विभाग से जुड़े कर्मचारियों की जांच करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए एलयू को पत्र भी लिखा गया है।

बैंक रिकॉर्ड का होगा ऑडिट

एलयू कर्मचारियों के बैंक खातों का आडिट कराने की भी तैयारी है, ताकि जाना जा सके कि किस कर्मचारी के खाते से कितना लेन-देन किया जा रहा है। इनकम से खाते की रकम मेल खा भी रही है कि नहीं।

चेक किए गए थे क्लोन

गौरतलब है कि एलयू में चेक क्लोनिंग कर बैंक खातों से 1.09 करोड़ रुपए निकाले गए। ये सभी चेक अप्रैल 2018 से मई 2019 के बीच बैंक में लगाये गये थे। जांच करने में पता चला है कि यूनिवर्सिटी में अप्रैल 2018 से पहले भी तीन चेक से करीब 30 लाख की निकासी हुई है। इस तरह से यह फर्जीवाड़ा करीब 1.4 करोड़ का हो गया है। इस तरह के और भी मामले हो सकते हैं। इसलिए पुलिस का मानना है कि एलयू को सबसे पहले पिछले तीन साल का विशेष ऑडिट कराना चाहिए। एलयू इस दिशा में तेजी नहीं दिखा रहा है।

कैसे बन गई बैलेंस शीट

एलयू प्रशासन का कहना है कि 2018 की बैलेंस शीट बनाते समय 11 फर्जी चेक का भुगतान पकड़ में आया। बाकी 3 चेक जो मिले हैं वे मार्च 2018 यानी वित्तीय वर्ष 2017 के हैं। यूनिवर्सिटी ने इनका फर्जी भुगतान अब पकड़ा है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि यूनिवर्सिटी की वर्ष 2017 की बैलैंस शीट क्या बैंक समाधान विवरण बिना ही बना दी गई। अगर बैंक समाधान विवरण बना था तो फिर चेक का मिलान क्यों नहीं किया गया। ये बात समझ से परे है।

एलयू ने 11 चेक के अलावा 3 और चेक से भुगतान का मामला खुद पकड़ा है। इसकी एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। यूनिवर्सिटी ने अपने स्तर से कमेटी बना रखी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

प्रो.एनके पांडेय, प्रवक्ता, एलयू