RANCHI: राजधानी के प्राइवेट अस्पतालों को डिलीवरी का डेटा जिला प्रशासन को देना होगा। इस संबंध में डीसी राय महिमापत रे ने रांची सिविल सर्जन को निर्देश दिया है। इसके अनुसार सिविल सर्जन कार्यालय में एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा, जहां प्रेग्नेंट महिलाओं की डिलीवरी कराने का डिटेल्स निजी अस्पतालों को देना होगा। इसमें कितनी नॉर्मल डिलीवरी कराई और कितनी डिलीवरी ऑपरेशन से कराई शामिल होगा। इसका मकसद यह है कि प्राइवेट अस्पताल जो पैसे के लिए ऑपरेशन करते हैं, उनको रोका जाए। साथ ही जिला प्रशासन प्राइवेट अस्पतालों की मॉनिटरिंग भी कर सके।

नवजात को भेज देते हैं सीसीयू

राजधानी के कई प्राइवेट अस्पताल बच्चे के जन्म के बाद 1 घंटे के अंदर मां का दूध देने के बजाय उनको अस्पताल के शिशु केयर यूनिट में एडमिट करा देते हैं। ऐसी शिकायतें मिलने के बाद रांची डीसी राय महिमापत रे ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि जो भी प्राइवेट अस्पताल बिना वजह बच्चों को मां की फ डिंग कराने के बजाय शिशु केयर यूनिट में भर्ती कराते हैं। अगर जरूरत है तो अच्छा है और जरूरत नहीं है तो उन अस्पतालों की जांच कर कार्रवाई की जाए। सभी प्राइवेट अस्पतालों में सरकार का बोर्ड लगाएं और नॉर्मल डिलीवरी को बढ़ावा देने पर काम करें।

अस्पताल प्रबंधन होगा जिम्मेवार

राजधानी के जितने भी प्राइवेट अस्पताल हैं उनमें जो गर्भवती महिलाएं डिलीवरी के लिए आती हैं, उसका सारा डाटा सिविल सर्जन कार्यालय में उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही सभी प्राइवेट अस्पतालों में अनिवार्य रूप से बोर्ड लगाएं, जिसमें लिखा हो कि नवजात के जन्म के 1 घंटा के अंदर ही फ डिंग कराना जरूरी है। अगर किसी भी अस्पताल में इस तरह की शिकायतें आती हैं। जानबूझकर बच्चों को चाइल्ड केयर यूनिट में भर्ती कराया जा रहा है, तो अस्पताल प्रबंधक उसका जिम्मेवार होगा। उस पर निश्चित कार्रवाई की जाएगी।

अभी सरकार के पास नहीं है डाटा

राजधानी में 200 से अधिक प्राइवेट अस्पताल ओर नर्सिग होम चल रहे हैं। शहर के हर इलाके में चल रहे नर्सिग होम में प्रेग्नेंट महिलाओं की जो डिलीवरी कराई जाती है उसका डिटेल्स रांची जिला प्रशासन के पास नहीं है। कौन सा अस्पताल सिजेरियन डिलीवरी करा रहा है और कौन सा अस्पताल नार्मल डिलीवरी करा रहा है, इसका डेटा प्रशासन के पास नहीं है। इस कारण जिला प्रशासन प्राइवेट अस्पतालों की मॉनिटरिंग भी नहीं कर पा रहा है।