- सीबीआई ने एमईएस के दो इंजीनियर्स को रंगे हाथ पकड़ा था रिश्वत लेते

- असिस्टेंट गैरीसन इंजीनियर ने कोर्ट में कबूला जुर्म, कहा किए पर पछतावा है

देहरादून: सीबीआई टीम द्वारा कॉन्ट्रेक्टर से रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए एमईएस के असिस्टेंट गैरीसन इंजीनियर केके सिंघल ने सीबीआई कोर्ट में अपना जुर्म कबूल कर लिया है। आरोपी सिंघल ने कोर्ट में कबूलनामा देते हुए कहा कि उसे रिश्वत लेने का पछतावा है और उसे केस लड़ने के लिए वकील भी नहीं चाहिए। इस मामले में अब फ्राइडे को सुनवाई होगी।

ज्युडीशियल कस्टडी में भेजा जेल

सीबीआई टीम रिश्वत लेने के आरोपी असिस्टेंट गैरीसन इंजीनियर केके सिंघल और जूनियर इंजीनियर मोहम्मद जहांगीर का मेडिकल करवाने के बाद थर्सडे दोपहर करीब दो बजे सीबीआई कोर्ट पहुंची। शासकीय अधिवक्ता अभिषेक अरोड़ा ने बताया कि आरोपी केके सिंघल ने कोर्ट में कबूलनामा देते हुए अपनी गलती स्वीकार कर ली है। इसलिए इस मामले में फ्राइडे को सुनवाई होगी। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

20-20 हजार रुपए लेते धरे थे

सीबीआई ने एमईएस के असिस्टेंट गैरीसन इंजीनियर केके सिंघल और जूनियर इंजीनियर मो। जहांगीर को वेडनसडे को 20-20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। दोनों ने एक कॉन्ट्रेक्टर से सिविल वर्क के मेजरमेंट के लिए 80 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। दोनों रिसर्च एंड डेवलपमेंट रायपुर परिसर में स्थित कार्यालय में रिश्वत की पहली किश्त ले रहे थे। इसके अलावा सीबीआई की टीम ने दोनों आरोपियों के घरों पर भी छापेमारी कर कई दस्तावेज कब्जे में लिए थे।