- डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की आर्थो ओपीडी में डॉक्टर की जगह दवा लिखता मिला था फिजियोथेरेपिस्ट

- स्टिंग में खुली मनमानी की पोल तो जागे जिम्मेदार, राउंड पर निकल एसआईसी, मांगा स्पष्टीकरण

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GORAKHPUR: डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में चल रही मनमानी पर आखिर ब्रेक लग ही गया। गुरुवार को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में पहुंचे मरीजों से 'भगवान' मिले, यानि वाकई में आर्थो ओपीडी में डॉक्टर्स बैठे और मरीजों की जांच कर दवा लिखी। जबकि बुधवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के स्टिंग में ये साफ दिखा था कि आर्थो के सैकड़ों मरीजों का इलाज एक फिजियोथेरेपिस्ट कर रहा था। वहीं एड्स काउंसलर स्किन ओपीडी में बैठकर मरीजों को देखकर पर्चे पर दवाएं लिख रहा था।

बिना देखे लिख दी दवा

एक आर्थो पेशेंट के साथ दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर बुधवार को आर्थो ओपीडी में पहुंचा जहां हैरान कर देने वाला सीन नजर आया था। बात-चीत में मशगूल वहां बैठे व्यक्ति ने मरीज को बिना देखे ही दवाएं लिख दीं। चपरासी से डॉक्टर का नाम पूछने पर पता चला कि ये फिजियोथेरेपिस्ट हैं।

राउंड पर निकले एसआईसी, जमकर ली क्लास

मरीजों की जिंदगी से हो रहे इस खिलवाड़ को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट में 'यहां इलाज कराया तो जाएगी जान' हेडिंग से न्यूज पब्लिश होते ही जिम्मेदार हरकत में आ गए। एसआईसी एके सिंह गुरुवार को सुबह-सुबह ही राउंड पर निकले। इसके बाद फिजियोथेरेपिस्ट को बुलाकर उसकी क्लास ली। न्यूज की कटिंग लगाकर उससे स्पष्टीकरण मांगा। ये भी लिखवाया कि अगर आगे ऐसी गलती पाई जाती है तो सैलरी कटेगी या फिर यहां से हटा दिया जाएगा।

बदला-बदला दिखा नजारा

इस बात की जानकारी होने के बाद गुरुवार को डिस्ट्रिक्त हॉस्पिटल में काफी कुछ बदला नजर आया। सभी चपरासी ड्रेस में तो ओपीडी के अंदर डॉक्टर्स प्रैक्टिस करते नजर आए।