सुपरिंटेंडेंट से मांगा स्पष्टीकरण

एग्जिक्यूटिव काउंसिल ने हिस्ट्री डिपार्टमेंट के एक्स हेड प्रो। परमानंद सिंह, यूजीसी के अधीक्षक राधेश्याम व कर्मचारी गणेश, शशि व पुरुषोत्तम को नोटिस देने का डिसीजन लिया है। साथ ही रिटायर्ड प्रोफेसर तथा यूजीसी के अधीक्षक की पेंशन को भी तत्काल रोकने का निर्णय लिया है। इसके अलावा चार लाख के चेक को फर्जी तरीके से पेमेंट कराने के प्रयास के आरोप में कर्मचारी संघ के प्रेसिडेंट महेंद्र पांडेय को भी सस्पेंड करने का डिसीजन हुआ। ये स्टेप पूर्व में गठित दो कमेटियों की रिपोर्ट आने के बाद लिया गया। इतना ही नहीं एक कमेटी के साथ मिसविहेब के मामले में एक्स ऑफिस सुपरिंटेंडेंट से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। काउंसिल ने दोनों कमेटियों की जांच रिपोर्ट के इंस्पेक्शन के लिए एक अलग से कमेटी बनाने पर भी मुहर लगायी।

आधी अधूरी की कार्रवाई

वीसी डॉ। पी नाग की अध्यक्षता में मंडे को एग्जिक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग हुई। इसमें हिस्ट्री डिपार्टमेंट के के रिसर्च में हुए इललीगल एडमिशन के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की गयी। एक्सपट्र्स के अनुसार आधी अधूरी कार्रवाई कर मामले को शांत करने की कोशिश की गयी है। जबकि इस केस में गठित दायित्व निर्धारण समिति पहले ही रिपोर्ट सौंप चुकी है जिसमें इस मामले के जिम्मेदारों को चिन्हित किया जा चुका है। यही नहीं इनपर कार्रवाई के लिए राजभवन बार बार लेटर जारी कर रहा है। इसके बाद भी खास लोगों को बचाने के लिए एक बार फिर कमेटी बनाने का डिसीजन लिया गया है।  

लाइब्रेरियन को दिया मौका

लाइब्रेरियन की योग्यता से संबंधित कम्प्लेन के मामले में काउंसिल ने पक्ष रखने के लिए 15 दिन का और मौका दिया। इसके अलावा रूल्स को नजरअंदाज कर प्रमोशन करने को भी काउंसिल ने सीरियसली लिया। जांच के बाद दोषी पाए जाने पर प्रमोट हुए लोगों को डिमोशन करने पर भी काउंसिल ने अपनी सहमति जतायी।