-प्रयागराज मेला प्राधिकरण की समीक्षा बैठक में सामने आई हकीकत

-मेला क्षेत्र की भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने का लिया गया निर्णय

ALLAHABAD: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सीधी निगरानी और लगातार चल रही समीक्षा के बाद भी कुंभ मेला 2019 को लेकर चल रहे कार्य रफ्तार नहीं पकड़ पा रहे हैं। 22 प्रतिशत लक्ष्य के साथ एडीए, 26 प्रतिशत के साथ नगर निगम और 25 प्रतिशत लक्ष्य पूरा करते हुए पीडब्ल्यूडी अभी भी काफी पीछे है। प्रयागराज मेला प्राधिकरण की दूसरी समीक्षा बैठक में यह हकीकत सामने आई। जिस पर कमिश्नर ने कार्य में तेजी लाने की बात कही।

दिखाएं निष्ठा और तेजीे

प्रयागराज मेला प्राधिकरण की दूसरी बैठक सोमवार को कमिश्नर डॉ। आशीष कुमार गोयल की अध्यक्षता में संगम तट पर आयोजित की गई। इसमें मेला क्षेत्र के सीमा निर्धारण के साथ ही विभिन्न एजेंडों व प्वाइंटस पर विस्तार से चर्चा की गई। मीटिंग में सबसे पहले अब तक किए गए कार्यो की प्रगति की समीक्षा की गई। कमिश्नर डॉ आशीष कुमार गोयल ने कहा कि संगम की रेती पर मेला कायों की समीक्षा का संकल्प लिया गया था, इसीलिए संगम क्षेत्र में बैठक हो रही है। सभी अधिकारियों के लिए सौभाग्य की बात है कि उन्हें इस पवित्र क्षेत्र में काम करने का मौका मिला है। इसलिए पूरी निष्ठा व तीव्रता के साथ काम कराएं।

यह है हकीकत

पीडब्ल्यूडी : 25 प्रतिशत

पीडब्ल्यूडी को 49,565.84 लाख के लागत से 21 परियोजनाओं के कार्यो को कराना है।

सेतु निगम: 47 प्रतिशत

सेतु निगम द्वारा 17,723.15 लाख के लागत से चार परियोजनाओं के काम कराना है।

पॉवर कारपोरेशन: 60 फीसदी

पावर कारपोरेशन द्वारा 5,987.04 लाख से 10 कार्यो को पूरा किया जाना है।

नगर निगम: 26 प्रतिशत

नगर निगम द्वारा 9,085.79 लाख के लागत से 56 कार्य कराना है।

मेला प्रशासन: 40 प्रतिशत

द्वारा 838.03 लाख रुपए की लागत से 7 कार्य कराया जा रहा है।

एडीए: 22 फीसदी काम

विकास प्राधिकरण द्वारा 23,684.75 लाख रुपए के लागत से 34 कार्य कराया जाना है।

मेला क्षेत्र में स्थायी निर्माण नहीं

मेला क्षेत्र में अनाधिकृत अतिक्रमण रोकने की व्यवस्था करने एवं निर्धारित मेला क्षेत्र में अन्य किसी प्रकार का स्थायी निर्माण प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव किया गया। यह भी कहा गया कि इस साल कुंभ में लगभग 12 करोड़ की जनसंख्या सम्भावित है, जो आगामी 6 वर्ष के बाद महाकुम्भ में इससे अधिक होगी, इसलिए मेले के बसावट क्षेत्र को अधिसूचित करते हुए इसे बढ़ाने की प्रक्रिया पर विचार किया गया।

नाविकों को किया जाएगा प्रशिक्षित

यमुना व संगम क्षेत्र में सुरक्षा के लिए स्नान पंक्तियां बनाने की योजना बनाई गई।

कहा गया कि मेला से पहले नाविकों को प्रशिक्षित किया जाएगा और नावों पर निर्धारित रेट लिस्ट का बोर्ड भी लगाया जायेगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि माघ मेला के दौरान स्वच्छता एवं जन सुविधाओं के लिए जिन प्रयोगों को आजमाया गया था, उन प्रयोगों के सफल होने पर उन्हें कुंभ मेला में भी रखा जाएगा। उ