लोगों का बेवजह शोषण न करने के दिए निर्देश

आगरा। तो क्या नोटिस देकर कमाई की जा रही है। आखिर नोटिस भेजने के बाद कार्रवाई क्यों नहीं की गई। अगर कार्रवाई नहीं हो सकती थी तो नोटिस ही क्यों भेजे गए। एडीए वीसी ने जब यह सवाल दागे तो किसी भी एडीए के इंजीनियर के पास इसका जवाब नहीं था। उन्होंने फटकार लगाते हुए निर्देश दिए कि किसी का बेवजह शोषण नहीं किया जाए और दोषी किसी भी कीमत पर बचने नहीं चाहिए। सभी इंजीनियर अपने-अपने क्षेत्र में मेहनत करते हुए मानकों के अनुरूप ही काम कराए।

हर छोटी बात पर थमा दिया जाता है नोटिस

नक्शा पास करा लिया है। दुकान मकान का काम चल रहा है। क्षेत्रीय इंजीनियर पहुंचा। उसने तत्काल आरोप लगा दिया कि नक्शा के विपरीत छज्जा बना दिया है। लॉबी का स्पेस कम छोड़ा गया है आदि कमियां बताते हुए उसे नोटिस थमा दिया जाता है। इसके बाद शुरू होता है वार्गनिंग का खेल। अगर बात बन जाती है तो नोटिस को खत्म कर दिया जाता है। अधिकांश लोगों के साथ सेटिंग हो ही जाती है। कोई भी अपने लिए परेशानी खड़ी नहीं करना चाहता है। वैसे भी लोग एडीए से बचना ही चाहते हैं। पिछले दिनों करीब 50 नोटिस भेजे गए। इनकी समीक्षा की गई तो किसी के खिलाफ भी कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। इस पर एडीए वीसी सुभ्रा सक्सेना ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सख्त निर्देश दिए हैं कि किसी को बेवजह परेशान नहीं किया जाए। अगर नियमों के विपरीत कार्य किया जा रहा है तो निश्चित तौर पर कार्रवाई अमल में लाई जाए। अन्यथा की स्थिति में लोगों को बिल्कुल भी परेशान न किया जाए।

इन्होंने दर्ज कराई आपत्ति

खंदारी निवासी भूपेंद्र ने एडीए के अधिकारियों की मनमानी की शिकायत दर्ज कराई है। उनका कहना है कि वे नक्शा के मुताबिक मकान बनवा रहे थे। बावजूद इसके उन्हें परेशान किया गया। इसके संबंध में अधिकारियों को अवगत कराया गया। बावजूद इसके परेशान किया गया और देख लेने की चेतावनी भी दे डाली।