एडीए की किरकिरी करा रही परिमल विहार योजना

भूखंड पर लगाया विवादित भूमि और एडीए से सावधान रहने का बोर्ड

बचाव की मुद्रा में अफसर, योजना में पैसा फंसाने से डर रही है पब्लिक

balaji.kesharwani@inext.co.in

ALLAHABAD: नूरुल्ला रोड पर प्रस्तावित परिमल विहार आवास योजना एडीए के गले की फांस बनती नजर आ रही है। भूखंड को लेकर चल रहा विवाद एडीए के साख पर बट्टा लगा रहा है। करेली के कुछ लोग उक्त भूखंड को एडीए का नहीं बल्कि अपना बताते हुए परिमल विहार आवासीय योजना को विवादित करार देते हुए एडीए पर विश्वास न करने की बात कह रहे हैं। इस बाबत इन लोगों ने भूखंड पर इसके विवादित होने का बोर्ड भी लगा दिया है। खास बात यह कि इलाहाबाद विकास प्राधिकरण ने इस पूरे मामले में चुप्पी साध ली है। अधिकारी केवल इतना कह रहे हैं कि परिमल विहार आवास योजना को लेकर कोई विवाद नहीं है।

तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं होती

इलाहाबाद विकास प्राधिकरण नूरुल्ला रोड की जमीन को अपनी बता रहा है। वर्षो पुराना विवाद पूरी तरह खत्म होने और एडीए के पक्ष में फैसला आने का दावा तो कर रहा है, लेकिन इस मामले में अभी तक मजबूती से अपना पक्ष नहीं रख सका है। जो लोग जमीन पर दावेदारी कर रहे हैं, उन्हें गलत बताया जा रहा है। लेकिन अगर दावेदारी कर रहे लोग गलत हैं तो फिर उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है। इस सवाल ने योजना में इनवेस्ट करने की सोच रहे लोगों में बचैनी पैदा कर दी है।

स्थगन आदेश का बोर्ड

एडीए द्वारा प्रस्तावित परिमल विहार आवासीय योजना के प्लॉट के पॉस जो बोर्ड लगाया गया है, उसमें साफ-साफ लिखा है कि 'एडीए से सावधान, एडीए से सावधान' नूरुल्ला रोड पर परिमल विहार बहुमंजिला फ्लैट इलाहाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा पब्लिक को गुमराह करने का सपना विवादित है। क्योंकि इलाहाबाद उच्च न्यायालय व न्यायालय व कमिश्नर न्यायालय मंडल इलाहाबाद से स्थगन आदेश चल रहा है। विवादित सम्पत्ति पर शफात अहमद आदि का नाम राजस्व अभिलेख में अंकित है, लेकिन इलाहाबाद विकास प्राधिकरण धन उगाही के लिए अपनी सम्पत्ति बता रही है, जबकि न्यायालय आयुक्त इलाहाबाद प्रयाग में लंबित है।

मुकदमा संख्या 641 सन् 1969-70

अब्दुल वहाब खां बनाम नगर महापालिका नगर महापालिका 1972 में मुकदमा हार चुकी है।

कहीं फंस न जाए पैसा

एडीए की ऐसी कई योजनाएं हैं, जिसमें एडीए ने लोगों को प्लॉट और फ्लैट का आवंटन तो कर दिया, लेकिन अभी तक लोगों को कब्जा नहीं मिल सका है। दस-बीस वर्षो से मामला चल रहा है। ऐसे में अब परिमल विहार आवासीय योजना के विवाद को लेकर लोग सशंकित हैं कि कहीं 2 बीएचके फ्लैट के लिए इनवेस्ट किया गया उनका लाखों रुपया फंस न जाए।

एक माह में केवल 50-60 आवेदन

एडीए ने शहर के बीचों बीच नूरुल्ला रोड पर इलाहाबाद जंक्शन से केवल डेढ़ किलोमीटर दूरी पर बहुमंजिला फ्लैट के लिए लोगों से आवेदन मांगा है। जिसमें कई हाईटेक सुविधाएं दिए जाने का वादा किया गया है। लेकिन फिलहाल शहर के लोगों ने अभी तक एडीए के परिमल विहार आवास योजना में कोई इंट्रेस्ट नहीं दिखाया है। तभी तो 168 2बीएचके फ्लैट की बुकिंग के लिए मांगे गए आवेदन के सापेक्ष एक महीने में केवल 50-60 आवेदन ही आए।

एक महीने और बढ़ाई गई डेट

एडीए ने परिमल विहार आवास योजना में 73.20 वर्ग मीटर एरिया में बनने वाले एक टू बीएचके फ्लैट की कीमत 41.50 लाख रुपये और पंजीकरण धनराशि 4.15 लाख रुपये निर्धारित की है। जिसके लिए पहले 24 जून से 23 जुलाई आवेदन करने की लास्ट डेट निर्धारित की गई थी। लेकिन उम्मीद से काफी कम आवेदन आने पर एडीए को आवेदन की तिथि एक महीने के लिए और बढ़ानी पड़ी। अब 31 जुलाई तक इच्छुक लोग परिमल विहार आवास योजना में फ्लैट के लिए आवेदन जमा कर सकते हैं।

वीसी ही बता सकते हैं

इस संबंध में एडीए के जनसम्पर्क अधिकारी व अपर सचिव गुडाकेश शर्मा से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि परिमल विहार आवासीय योजना को लेकर कोई विवाद नहीं है। जमीन एडीए की है। सारे फैसले एडीए के पक्ष में है। उनसे पूछा गया कि अगर फैसला एडीए के पक्ष में है तो फिर एडीए की जमीन को अपना व विवादित बताने वालों के खिलाफ एडीए कार्रवाई क्यों नहीं करता है, तो उन्होंने कहा कि कार्रवाई होनी चाहिए। इस सम्बंध में वीसी से बात कर लें। एडीए वीसी देवेंद्र कुमार पांडेय को वाट्सएप पर मैसेज भेजा गया और कॉल भी किया गया, लेकिन उन्होंने इस सम्बंध में कोई रिस्पांस नहीं दिया।