-भ्रष्टाचार की मिल रही शिकायतों से खफा डीएम ने कई लेखपालों के खिलाफ शुरू कराई जांच

तहसील और ब्लॉक्स पर लगातार भ्रष्टाचार की मिल रही शिकायतों पर जिला प्रशासन ने अब कारगर कार्रवाई की तैयारी कर ली है। खासतौर पर जमीन के मामलों में लेखपालों के खिलाफ मिल रही शिकायतों पर डीएम ने कड़ा रुख अपनाया है। भ्रष्टाचार के मामलों में कई फाइलें खुल गई हैं और दागी लेखपालों को अब जेल भी भेजने की तैयारी है।

कई लेखपालों का ट्रांसफर

डीएम योगेश्वर राम मिश्र ने 10 साल से एक ही जगह जमे लेखपालों की सूची तलब की थी। जांच के बाद उन्होंने 21 मई को 30 लेखपालों को सदर तहसील से हटाकर पिंडरा और राजातालाब तहसीलों में ट्रांसफर कर दिया। सभी एसडीएम को यह निर्देश दिया कि जल्द इन लेखपालों को रिलीव कर उनकी नई तैनाती पर भेजें। इस आदेश के बाद पूरे अमले में खलबली मची हुई है।

अभी तो ये शुरुआत है

सूत्रों की मानें तो भ्रष्टाचार और सुविधा शुल्क के चक्कर में फरियादियों का काम लटकाने की प्रवृत्ति पर डीएम बेहद खफा हैं। उन्होंने ऐसे छह लेखपालों की गोपनीय जांच शुरू करा दी है जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार की कई शिकायतें आई हैं। इनके खिलाफ विभागीय दंड के अलावा भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत एफआईआर कराकर जेल भेजने की भी तैयारी है।

वर्जन

सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को जनता की सुनने और भ्रष्टाचार से तौबा करने की हिदायत दी गई है। जो इसमें गड़बड़ी करेगा वह खामियाजा भुगतने के लिए भी तैयार रहे।

योगेश्वर राम मिश्र, डीएम वाराणसी