- डीएम की फटकार के बावजूद कलेक्ट्रेट में गंदगी का साम्राज्य

- बदबू और गंदगी के बीच काम करने को मजबूर हैं सरकारी कर्मचारी

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देशभर में स्वच्छता अभियान की लहर है। प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र होने के कारण वाराणसी में इसे अभियान की तरह चलाया जा रहा है। मगर कलेक्ट्रेट परिसर में चिराग तले अंधेरा नजर आ रहा है। सिटी मजिस्ट्रेट और एडीएम सिटी दफ्तर के ठीक पीछे गंदगी का साम्राज्य है। बदबू और गंदगी के साथ हर दिन बीमारियों के खतरे के बीच सरकारी कर्मचारी अपनी ड्यूटी कर रहे हैं।

बजबजा रहा है कूड़ाखाना

कचहरी चौराहे से सर्किट हाउस मुख्य मार्ग पर एडीएम सिटी कार्यालय का प्रवेश द्वार है। द्वार के दाहिनी तरफ नया टॉयलेट बनवा दिया गया है। सफाई न होने के कारण इससे उठने वाली दुर्गध लोगों को रास्ता बदलने पर मजबूर कर दे रही है। पास में ही कूड़ाखाना भी बजबजा रहा है। आवारा पशु खुले में विचरण कर रहे हैं और हर तरफ मक्खियां भनभना रही हैं।

भीतर भी हालत खराब

कार्यालय से प्रवेश करते ही सामने शौचालय नजर आता है। कहना मुश्किल है कि यह अर्धनिर्मित है या आधा ढहाया हुआ। दूर तक फैली बदबू में कोई भी आम व्यक्ति थोड़ी देर के लिए खड़ा तक नहीं रह सकता। बेतरतीब ढंग से पार्क किए वाहनों के बीच घुसना तक मुश्किल है। उन्हीं के बीच में पहरे पर लगा होमगार्ड किसी तरह वहां खड़ा होकर ड्यूटी कर रहा है।

कर्मचारी परेशान मगर कहें किससे

पहरे पर लगा होमगार्ड हो या दफ्तरों में काम कर रहे कर्मचारी। पूछने पर सभी सवालों से बचते हैं। कुछ ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि परेशानी तो पुरानी है मगर कहें किससे। खास बात यह है कि नये डीएम सुरेंद्र सिंह ने दस दिनों में दो बार कलेक्ट्रेट का निरीक्षण किया है और गंदगी पर बेहद नाराजगी जताई है।

वर्जन

कलेक्ट्रेट और सरकारी कार्यालयों की इस समस्या का जल्द समाधान किया जाएगा। शौचालयों को आधुनिक बनाया जाएगा और इनकी हमेशा सफाई की व्यवस्था भी होगी। शहर में हम सफाई की बात कर रहे हैं, ऐसे में हमारे कार्यालय गंदे नहीं छोड़े जा सकते।

सुरेंद्र सिंह, डीएम वाराणसी