इस बदहाली के जिम्मेवार हमदोनों
Patna: पटना सिटी की पहचान जाम, गंदगी और इंक्रोचमेंट है। जिसे जब और जहां मौका मिलता है वो अपने सामान को सड़क पर निकाल देते हैं। इनके लिए सड़क का मतलब घर पहुंचना है। मेन सड़क के किनारे बने नालों को ढंककर उस पर सामान रखा जाता है. 
लोग जाम में फंसते हुए भी मार्केटिंग
गायघाट पुल के नीचे से लेकर तख्त श्री हरमंदिर साहब तक सड़क के दोनों किनारे पर सात फुट की सड़क पर टैपू, रिक्शा, साइकिल, बाइक, बड़ी गाड़ी एक साथ जाम में फंसी रहती है। आश्चर्य वाली बात है कि लोग जाम में फंसते हुए भी आसानी से मार्केटिंग कर लेते हंै। खुले नाले चारों तरफ बदबू फैलाते हैं तो निगम वाले भी वीक में एक बार सफाई कर ही देते हैं। कहीं भी कचरा रखने की व्यवस्था नहीं होने से जहां मन वहां कचरा फेंका जा रहा है. 

- बेतरतीब गाडिय़ां और सड़क पर फैले कचरे कर रही प्राब्लम
- कचरा रखने की व्यवस्था नहीं, जिसने जब चाहा सड़क पर ही फेंक दिया
- मेन सड़क के किनारे बने नालों को ढंककर रखा जाता है सामान
- छोटी सड़क को भी लोगों ने कर लिया इंक्रोच्ड 
- दर्जनों एरिया ऐसा कि वहां से निकलना मुश्किल

लोग जाम में फंसते हुए भी मार्केटिंग
गायघाट पुल के नीचे से लेकर तख्त श्री हरमंदिर साहब तक सड़क के दोनों किनारे पर सात फुट की सड़क पर टैपू, रिक्शा, साइकिल, बाइक, बड़ी गाड़ी एक साथ जाम में फंसी रहती है। आश्चर्य वाली बात है कि लोग जाम में फंसते हुए भी आसानी से मार्केटिंग कर लेते हंै। खुले नाले चारों तरफ बदबू फैलाते हैं तो निगम वाले भी वीक में एक बार सफाई कर ही देते हैं। कहीं भी कचरा रखने की व्यवस्था नहीं होने से जहां मन वहां कचरा फेंका जा रहा है. 

- बेतरतीब गाडिय़ां और सड़क पर फैले कचरे कर रही प्राब्लम
- कचरा रखने की व्यवस्था नहीं, जिसने जब चाहा सड़क पर ही फेंक दिया
- मेन सड़क के किनारे बने नालों को ढंककर रखा जाता है सामान
- छोटी सड़क को भी लोगों ने कर लिया इंक्रोच्ड 
- दर्जनों एरिया ऐसा कि वहां से निकलना मुश्किल