पीएसी के कर्मचारी का बिल वेरीफाई करने के लिए तीन बार ले चुका था पैसे चौथी बार फिर मांगे पैसे तो मामला पहुंचा स्वास्थ्य मंत्री के पास, हुई कार्रवाई allahabad@inext.co.in ALLAHABAD: सीएमओ ऑफिस में भ्रष्टाचार चरम पर है। बाबू खुलेआम रिश्वत मांग रहे हैं। पैसे नहीं देने पर ऑफिस का चक्कर कटवाया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला सामने आने पर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री ने एक बाबू के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश देते हुए उसे सस्पेंड कर दिया है। पांच सौ से नहीं भरता पेट तीरथ प्रसाद तिवारी 42वीं वाहिनी पीएसी नैनी इलाहाबाद में कार्यरत हैं। उनको कान से सुनाई पड़ना बंद हो गया था। डॉक्टर ने रेफर किया तो प्राइवेट फर्म से उन्होंने कान में मशीन लगवा ली। बाद में मुआवजे के लिए विभाग में क्लेम किया तो सीएमओ आफिस वेरिफिकेशन के लिए भेज दिया गया। तीरथ प्रसाद और उनके दामाद सीएमओ आफिस पहुंचे तो बाबू गोविंद सागर ने पैसे की डिमांड की। पीडि़त ने बाबू को पांच-पांच सौ के दो नोट दो बार में दिए और फिर दो सौ रुपए दिए। इतना पैसा लेने के बाद बाबू ने और पांच हजार रुपये की मांग की। पीएसी में हूं रहम करिए बार-बार रिश्वत मांगने से तंग आकर तीरथ प्रसाद ने बाबू से विनती की। कहा कि पीएसी में हूं, इससे ज्यादा रिश्वत नहीं दे सकता। लेकिन सुनवाई नहीं होने पर उनके दामाद आशीष त्रिपाठी ने स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मिलकर आपबीती सुनाई। बाद में मंत्री ने सीएमओ डॉ आलोक वर्मा, बाबू गोविंद सागर तथा पीडि़त तीरथ प्रसाद को बुलाकर पूछताछ की। पता चला कि बाबू बीस साल से विभाग में तैनात है। इस पर मंत्री ने सीएमओ को जमकर फटकारा और बाबू के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कराकर उसे निलंबित करने के आदेश दिए। भ्रष्टाचारियों ने स्वास्थ्य विभाग को खोखला करके रख दिया। भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बाबू ने पीडि़त से लिए हुए पैसे वापस कर दिए हैं। उसे सस्पेंड करने के साथ उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने को कहा गया है। सिद्धार्थ नाथ सिंह स्वास्थ्य मंत्री, उत्तर प्रदेश