अगमकुआं स्थित फार्मेसी कॉलेज से चौकाने वाला मामला सामने आया

- 2019-20 के फ‌र्स्ट इयर की घोषित एग्जाम डेट के बाद तक होता रहा एडमिशन

- स्टूडेंट्स ने किया परीक्षा का बहिष्कार

PATNA :

बिहार सरकार के अगमकुआं स्थित राजकीय फार्मेसी कॉलेज से जुड़ा बेहद चौंकाने वाला मामला बुधवार को सामने आया। यहां बी-फार्म के लिए स्टूडेंट्स का एडमिशन परीक्षा शुरू होने के बाद तक होता रहा। इस कारण वर्ष 2019-20 के सभी 60 स्टूडेंट्स ने फ‌र्स्ट ईयर के एग्जाम का बहिष्कार कर दिया। कॉलेज में पढ़ाई हुए बिना आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय (एकेयू) द्वारा ली जाने वाली इस परीक्षा से वंचित रहे स्टूडेंटस के भविष्य को लेकर ¨चता बढ़ गयी है। अब ये सभी आंदोलन की करने की तैयारी में जुट गए हैं।

फैसला नहीं होने पर जाएंगे कोर्ट

कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। शैलेन्द्र कुमार एवं शिक्षकों ने ¨चता जताते हुए कहा कि इस संबंध में डिपार्टमेंट से लेकर यूनिवर्सिटी तक पत्राचार किया गया। स्वास्थ्य मंत्री से भी गुहार लगायी गयी है। उन्होंने बताया कि परीक्षा से वंचित स्टूडेंट्स की परीक्षा लेने के संबंध में बातचीत करने के लिए एकेयू के वीसी ने शुक्रवार का समय दिया है। उम्मीद है कि इस दिन स्टूडेंट्स के हित में फैसला होगा। उन्होंने कहा कि यदि एकेयू से स्टूडेंट्स हित में निर्णय नहीं होने पर कॉलेज प्रशासन, रजिस्ट्रार, सीएम से लेकर कोर्ट तक की शरण में जाएंगे।

बोर्ड और एकेयू की गलती

इस मामले में कॉलेज प्रशासन ने बताया कि पूरा मामला बीसीईसीई बोर्ड और एकेयू के बीच को-आर्डिनेशन नहीं होने की है। राजकीय फार्मेसी कॉलेज सरकार का एक प्रतिष्ठित कॉलेज है और यह पीसीआई के नियमों के अनुसार चलता है। मामला यह है कि पांच दिसंबर, 2019 को एकेयू ने बी फार्म सेमेस्टर वन के स्टूडेंट्स की परीक्षा की डेट घोषित कर दी। जबकि इससे पहले बीसीईसीई बोर्ड ने तीन चरणों में काउंसलिंग की। इसमें तीसरा और अंतिम काउंसलिंग छह दिसंबर, 2019 को पूरा किया। इस तिथि के बाद दस स्टूडेंट्स का नामांकन का लिस्ट कॉलेज को भेजा गया और एडमिशन प्रक्रिया दस दिसंबर तक पूरी हुई। परीक्षा के बाद तक एडमिशन का मामला कॉलेज प्रिंसिपल ने एकेयू के सामने उठाया और 90 दिन तक क्लास पूरा होने के बाद ही परीक्षा लेने की मांग की। फरवरी में जब 90 दिनों की पढ़ाई पूरी कर ली गई तो एकेयू ने जबाव ही नहीं दिया।

पीसीआई ने जताई आपत्ति

कॉलेज सूत्रों ने बताया कि विगत 21 फरवरी को फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने राजकीय फार्मेसी कॉलेज में इंस्पेक्शन किया। इस दौरान भी यह मामला उठाया गया। इस मामले में पीसीआई ने भी आपत्ति जताई है। उधर, कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। शैलेन्द्र कुमार ने बताया कि कोर्स पूरा करने के लिए आनन-फानन में फरवरी तक अतिरिक्त कक्षाएं आयोजित की। पाठयक्रम को पूरा कराने के लिए पूरा जोर लगा दिया गया। लेकिन अब क्लास पूरा होने के बाद एकेयू से परीक्षा लेने का आग्रह किया जा रहा है तो वह इसका संज्ञान नहीं ले रहा है।

साल बर्बाद होने का खतरा

यहां के स्टूडेंट्स का कहना है कि उन्हें साल बर्बाद होने का खतरा सता रहा है। क्योंकि एकेयू ने बीटेक के मामले में एग्जाम की नई डेट देने से मना कर दिया था। अब बारी फार्मेसी कॉलेज की है। इस मामले में तथ्य यह भी है कि कई प्राइवेट कॉलेज भी एकेयू के अंतर्गत आते हैं। इस दौरान राजकीय फार्मेसी कॉलेज को नजरअंदाज कर दिया गया। क्योंकि यहां काउंसलिंग के बाद ही एडमिशन होता है।