मेरठ कॉलेज में एलएलबी के दाखिलों को लेकर है संदेह, 30 एडमिशन पर शुरू हुई जांच

70 एडमिशन फर्जी मा‌र्क्सशीट से हुए थे साल 2018 में

रूद्गद्गह्मह्वह्ल। मेरठ कॉलेज में एलएलबी में हुए फर्जी एडमिशन को लेकर जांच शुरू हो गई है। गौरतलब है कि मेरठ कॉलेज में लगातार तीन साल से फर्जी मा‌र्क्सशीट लगाकर प्रवेश लेने के मामले सामने आ रहे हैं। कॉलेज प्रशासन ने इस बार भी करीब 30 एडमिशन पर संदेह के मामले में जांच शुरु कर दी है। दरअसल, मेरठ की यूनिवर्सिटीज व कॉलेजों में फर्जी एडमिशन का सिलसिला नया नहीं है। बीते तीन साल से इस तरह के केस सामने आए हैं। इस पर कॉलेज प्रिंसिपल डॉ। संगीता गुप्ता ने बताया कि जिन एडमिशन पर संदेह है, उसके लिए कॉलेज प्रशासन ने जांच कमेटी गठित कर दी है, अब इन पर कॉलेज स्तर से जांच होगी, जिसके बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।

तीन साल से फर्जीवाड़े

गौरतलब है कि मेरठ कॉलेज में लगातार तीन साल से फर्जी मार्कशीट लगाकर प्रवेश लेने के मामले सामने आ रहे हैं, कॉलेज प्रशासन ने पिछले साल 70 प्रवेश निरस्त किए थे। बावजूद इसके, दलालों का रैकेट अब भी सक्रिय है। इस बार भी 30 के करीब प्रवेश संदेह के घेरे में है्रं, इनके कागजातों की जांच कराई जा रही है। मेरठ कॉलेज में सत्र-2017 में बीए, बीकॉम, बीएससी और एलएलबी में फर्जी मार्कशीट और प्रमाण पत्रों से 500 से ज्यादा प्रवेश लेने की जानकारी सामने आई थी। इस मामले को दबा दिया गया था। पिछली बार भी कॉलेज प्रशासन को सूचना मिली कि दलालों का बड़ा नेटवर्क सक्रिय है। ये दलाल रुपए लेकर कम नंबर वाले सूत्रों के मुताबिक छात्रों का फर्जी मार्कशीट पर दाखिला कराते हैं। इस बार भी 30 के करीब फामरें में कागजात संदेह के घेरे में हैं। जिनकी जानकारी यूनिवर्सिटी स्तर से भी कॉलेज से मांगी गई है।

दूसरी यूनिवर्सिटी की मा‌र्क्सशीट

बताते हैं कि दलालों ने कम नंबर वाले छात्रों के एडमिशन का नया तरीका ढूंढ निकाला है। वे दूसरे प्रदेशों की यूनिवर्सिटी के अधिक मा‌र्क्स की फर्जी मा‌र्क्सशीट से रजिस्ट्रेशन करा लेते हैं। जबकि वेरीफिकेशन के दौरान दूसरे विवि का ऑनलाइन रिकॉर्ड नहीं उपलब्ध होता है, ऐसे में इनका वेरीफिकेशन नहीं हो पा रहा है, अब यूनिवर्सिटी ने एलएलबी के ऐसे 30 एडमिशन से संबंधित मा‌र्क्सशीट कॉलेज से मांगी है, जिनकी जांच शुरु कर दी गई है।

ये है मामले

20 दिसंबर 2018

लेट्रल एंट्री के जरिए फर्जी एडमिशन का मामला सामने आया था। जिसके तहत कॉलेजों ने यूनिवर्सिटी को भेजे परीक्षा फॉर्म को गलत ढंग से सत्यापित किया था। इस मामले में यूनिवर्सिटी ने एफआईआर दर्ज कराई थी।

20 जुलाई 2018

फर्जी मा‌र्क्सशीट के जरिए एडमिशन कराने वालों का गिरोह पकड़ा गया था, जिसमें यूनिवर्सिटी के एक कर्मचारी को भी सस्पेंड किया गया था।

दिसंबर 2015

छात्रसंघ अध्यक्ष सचिन चौधरी को फर्जी मा‌र्क्सशीट से एडमिशन के मामले में बाहर का रास्ता दिखाया गया था।

दिसंबर 2017

फर्जी मा‌र्क्सशीट के जरिए 715 स्टूडेंट्स के एडमिशन पर जांच बैठी थी, मामला सीसीएसयू संबंधित कॉलेजों का ही था।