- प्रदेश के 60 राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों में एडमिशन पर लगी रोक

- मानक पर खरे नहीं उतरे गोरखपुर के तीन पॉलीटेक्निक कॉलेज

- एआईसीटीई ने तीनों कॉलेजों को नो एडमिशन की लिस्ट में डाला

GORAKHPUR: गोरखपुर राजकीय पॉलीटेक्निक की लापरवाही से करीब 840 कैंडिडेट्स के कॅरियर की राह कठिन हो गई है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने नए सेशन 2020-21 से गोरखपुर के तीन पॉलीटेक्निक को नो एडमिशन की लिस्ट में डाला है। जबकि जिम्मेदारों ने अधूरे मानक को पहले पूरा कर लिया होता तो ये नौबत नहीं आती। गोरखपुर के दो और महाराजगंज के एक राजकीय पॉलीटेक्निक के एडमिशन प्रॉसेस पर एआईसीटीई ने रोक लगाई है। वहीं गोरखपुर के अनुदानित एमपी पॉलीटेक्निक कॉलेज की सांध्यकालीन क्लास में 50 और सुबह की पाली में 25 फीसदी सीटें कम की गई हैं। एआईसीटीई ने इन कॉलेजों के साथ ही प्रदेश के अन्य कॉलेजों के खिलाफ अपनी रिपोर्ट शासन को दे दी है। इस पर अंतिम मुहर लगनी बाकी है।

कई मानकों पर हुई जांच

शिक्षक, आधारभूत ढांचा, छात्र सुविधाएं, लाइब्रेरी समेत कई मानकों को लेकर एआईसीटीई ने अपने निरीक्षण रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की है। एआईसीटीई की रिपोर्ट के अनुसार कॉलेजों में मौजूदा हालात में टीचर्स की कमी दिखी है।

यह मिलीं खामियां

शोध की गुणवत्ता नदारद और शिक्षण कार्य के लिए टीचर्स नहीं हैं। वर्ष 2010 में प्रवेश क्षमता बढ़कर 60 और पॉलीटेक्निक 90 हो गए लेकिन न टीचर्स मिले न संसाधन। नतीजा यह रहा कि डिप्लोमाधारक प्रिंसिपल बन गए। प्रयोगशालाओं में 30 साल पुराने उपकरणों पर प्रशिक्षण मिल रहा है। इसके चलते एआईसीटीई ने यह सख्त कदम उठाया।

छह महीने का दिया समय

एआईसीटीई ने मानक पूरे करने के लिए छह महीने का समय दिया है। अगस्त तक जिनमें पूरे मानक मिलेंगे वहीं प्रवेश होंगे। सूत्रों की मानें तो मानक के अनुरूप संस्थान अगले सत्र तक ही तैयार हो पाएंगे।

पूराने संस्थानों को तैयार करने में लगेगा समय

प्राविधिक शिक्षा परिषद अधिकारियों की मानें तो कई ऐसे संस्थान शामिल हैं जो 2010 के बाद बने हैं। 1901 में बने संस्थानों को आज के नियम से तैयार करने में समय लगेगा।

1909 का पॉलीटेक्निक

गोरखपुर धर्मशाला स्थित राजकीय पॉलीटेक्निक 1909 का बना हुआ है। काफी पुरानी बिल्डिंग होने की वजह से उसकी हालत जर्जर हो चुकी है। कुछ कमरे जिनमें पढ़ाई होती है उन्हें थोड़ा बहुत दुरूस्त कराया गया है। वहीं लैब में लगी मशीनें भी काफी पुरानी हैं जिनमें कुछ को छोड़कर अधिकतर को नए समय के साथ अपडेट नहीं किया जा सका है।

राजकीय पॉलिटेक्निक

ट्रेड-7

स्टूडेंट्स-1140

टीचर्स-22

महिला पॉलीटेक्निक गोरखपुर

ट्रेड-6

छात्राएं-360

टीचर्स-11

एमपी पॉलीटेक्निक गोरखपुर

ट्रेड-8

छात्राएं-1668

टीचर्स-96

राजकीय पॉलीटेक्निक महाराजगंज

ट्रेड-3

छात्राएं-180

वर्जन

एआईसीटीई ने कॉलेज को नो एडमिशन लिस्ट में डाला है। शासन स्तर पर अपना पक्ष भी रखा गया है। अब शासन की रिपोर्ट ही सही फैसला करेगी। उसी आधार पर एडमिशन प्रॉसेस होगा।

दिनेश कुमार, प्रिंसिपल, राजकीय पॉलीटेक्निक गोरखपुर